Sawan 2023: इन राज्यों में अब भी चल रहा है सावन, क्यों अलग है इनका कैलेंडर, जानें पूरा मामला

Sawan 2023: इन राज्यों में अब भी चल रहा है सावन, क्यों अलग है इनका कैलेंडर, जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र में सावन 15 सितंबर को खत्म होगा. दरअसल, महाराष्ट्र और गुजरात के पारंपरिक पंचांग में सावन महीने को साल का 10वां महीना मानते हैं, जबकि उत्तर भारत में सावन मास को पांचवा महीना माना जाता है. पश्चिम में अमावस्या की गणना के हिसाब से कार्तिक मास से नववर्ष का शुरू होता है. जबकि उत्तर भारत में चैत्र मास से नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है.

इन राज्यों में अब तक नहीं खत्म हुआ है सावनइन राज्यों में अब तक नहीं खत्म हुआ है सावन
सर‍िता शर्मा
  • Mumbai,
  • Sep 11, 2023,
  • Updated Sep 11, 2023, 8:06 PM IST

हिन्दू पंचांग के अनुसार 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया था और 59 दिन बाद 31 अगस्त को इसका समापन हुआ था. लेकिन सभी राज्यों में सावन का यह कैलेंडर नहीं था. खासतौर पर महाराष्ट्र और गुजरात में. इनमें 15 दिन का अंतर होता है. इसलिए यहां अभी सावन खत्म नहीं हुआ है. दरअसल, कई राज्यों में संक्रांति और पूर्णिमा तिथि के हिसाब से गणना की जाती है, जबकि महाराष्ट्र और गुजरात समेत कुछ पश्चिमी राज्यों में अमावस्या तिथियों के हिसाब से गणना होती है. ऐसे में इन जगहों के पंचांग में उत्तर भारत के पंचांग से 15 दिनों का अंतर हो जाता है. इसलिए इनमें अब भी सावन चल रहा है.

बताया गया है कि महाराष्ट्र में सावन 15 सितंबर को खत्म होगा. दरअसल, महाराष्ट्र और गुजरात के पारंपरिक पंचांग में सावन महीने को साल का 10वां महीना मानते हैं, जबकि उत्तर भारत में सावन मास को पांचवा महीना माना जाता है. पश्चिम में अमावस्या की गणना के हिसाब से कार्तिक मास से नववर्ष का शुरू होता है. जबकि उत्तर भारत में चैत्र मास से नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है. 

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क्यों होता है तारीख का अंतर

दरअसल, पृथ्वी जब अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करती है, तब एक दिन और रात होता है. पृथ्वी 365 दिन में सूर्य का चक्कर लगाती है, जिसे हम एक वर्ष कहते हैं..इसी को 12 हिस्सों में बांटकर महीना बनता है. पंचांग माह के 30 दिनों को 15-15 दिन के 2 पक्षों में विभाजित करते हैं, जिसे हम कृष्ण और शुक्ल पक्ष के रूप में जानते हैं.

महाराष्ट्र के ज्योतिषी रवि पंडित कहते हैं कि अमावस्या के बाद आने वाले 15 दिन के पखवाड़े को शुक्ल पक्ष कहते हैं, जबकि पूर्णिमा के बाद आने वाले पक्ष को कृष्ण पक्ष कहते हैं. कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या और शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहा जाता है. देश के पूरब और उत्तर भारत के पंचांग कृष्ण पक्ष से माह का आरंभ मानते हैं. वहीं देश के पश्चिम हिस्सों के पंचांग  शुक्ल पक्ष के महीने की शुरुआत मानते हैं. इसलिए, इस तरह महाराष्ट्र, गुजरात आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में सावन अभी खत्म नहीं हुआ है.

इस साल दो महीने का रहा सावन

इस बार का सावन खास रहा, क्योंकि दो यह महीने का रहा. 19 साल बाद ऐसा संयोग बना था. पंचांग के मुताबिक  इस साल उत्तर भारत में सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चला. कुल 59 दिनों तक सावन महीना रहा. इसमें 8 सोमवार को व्रत किए गए. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को रहा. इस हिसाब से पश्चिम भारत में 15 दिन और सावन रहा.

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