3 फीट की गाय! 5 किलो चारा खाकर 5 लीटर तक देगी दूध, जानिए विस्तार से

3 फीट की गाय! 5 किलो चारा खाकर 5 लीटर तक देगी दूध, जानिए विस्तार से

उन गाय इलाकों में भी रह सकती है जहां बहुत अधिक गर्मी पड़ती है. पुंगनूर गाय सूखे इलाके में जहां हरी घास न मिले, वहां भी आराम से रह सकती है क्योंकि उसे सूखे चारे भी उतने ही पसंद हैं, जितने कि हरे चारे. ऐसी गायों को हरा चारा मिल जाए तो ठीक, वरना सूखे चारे को भी पुंगनूर उतनी ही पसंद से खाती हैं.

आंध्र प्रदेश की पुंगनूर गायआंध्र प्रदेश की पुंगनूर गाय
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 28, 2022,
  • Updated Nov 28, 2022, 6:01 PM IST

    क्या आपने ऐसी कोई देसी गाय देखी है जो कद-काठी में बेहद छोटी हो, लेकिन दूध देने में किसी से कम नहीं. अगर आप इस गाय के बारे में नहीं जानते तो हम आपको बता रहे हैं. इस गाय का नाम है पुंगनूर. पुंगनूर गाय (Punganur Cow) मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के चित्तूर में पाई जाती है. यहां के लोग इसी देसी गाय का पालन-पोषण कर दूध लेते हैं. इस गाय की कई खासियते हैं. मसलन, इसकी ऊंचाई महज 3-4 फीट की होती है. देखने में यह देसी गाय आपको छोटी, ठिगनी से लग सकती है. लेकिन दूध देने में यह बाकी देसी गायों से बिल्कुल कम नहीं.

    पुंगनूर गाय (Punganur Cow Breed) के बारे में कहा जाता है कि यह 5 किलो चारा खाकर 5 लीटर तक दूध दे सकती है. देसी गाय का 5 लीटर दूध भी मायने रखता है क्योंकि इन गायों के दूध की मांग बहुत अधिक है. देसी गायों का दूध, विलायती नस्ल वाली गायों के दूध से महंगा बिकता है. इस लिहाज से पुंगनूर गाय का दूध कई मायनों में खास है. चारा कम और दूध अधिक, इस हिसाब से गौपालकों को फायदा ही फायदा है.

    पुंगनूर गाय की खासियत

    पुंगनूर गाय (Punganur Cow) के अन्य खासियत की बात करें तो यह उन इलाकों में भी रह सकती है जहां बहुत अधिक गर्मी पड़ती है. विलायती नस्ल की गायें अधिक गर्मी नहीं झेल सकतीं. लेकिन पुंगनूर इसके विपरीत है. पुंगनूर गाय सूखे इलाके में जहां हरी घास न मिले, वहां भी आराम से रह सकती है क्योंकि उसे सूखे चारे भी उतने ही पसंद हैं, जितने कि हरे चारे. ऐसी गायों को हरा चारा मिल जाए तो ठीक, वरना सूखे चारे को भी पुंगनूर उतनी ही पसंद से खाती हैं.

    विलुप्त हो रही प्रजाति

    हाल के वर्षों में पुंगनूर गाय (Punganur Cow) की नस्ल तेजी से खत्म हो रही है. इस गाय की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए इस नस्ल के संरक्षण पर तेजी से काम हो रहा है. पुंगनूर के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन समय में देश के ऋषि-मुनि इस गाय का पालन करते थे और दूध लेते थे. कम खर्च में अगर दूध का उत्पादन लेना हो, तो ऐसी नस्लों में पुंगनूर का नाम सबसे पहले आता है. यही वजह है कि विलुप्त होती नस्ल को बचाने के प्रयास तेजी से हो रहे हैं.

    पुंगनूर गाय की कीमत

    पुंगनूर की तरह ही केरल में वेचुर गाय की एक खास नस्ल होती है. यह भी पुंगनूर (Punganur Cow Breed) की तरह ऊंचाई में बेहद छोटी लेकिन दूध उत्पादन में खास है. वेचुर की लंबाई जहां 3-4 फीट तक होती है, तो पुंगनूर उससे भी छोटी या 2-3 फीट तक हो सकती है. पुंगनूर गाय के दूध में फैट अधिक होता है और यह कई औषधियों गुणों से भरपूर होता है. बाकी गायों के दूध में 3 फीसद तक फैट होता है, तो पुंगनूर में इसकी मात्रा 7-8 परसेंट तक हो सकती है. पुंगनूर (Punganur Cow Breed) के बारे में कहा जाता है कि 5 किलो चारा खिलाकर इससे 5 लीटर तक दूध लिया जा सकता है. इस गाय की कीमत लाख रुपये तक होती है.
     

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