नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) ने घोषणा की है कि इस साल 30 सितंबर को अनुमानित चीनी का अंतिम स्टॉक लगभग 4.87 मिलियन टन (mt) यानी 48 लाख टन होने की उम्मीद है, जो आगामी 2025-26 सीजन के पहले दो महीनों की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. अनुकूल मानसून की स्थिति और महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ने की खेती में वृद्धि के कारण 2025-26 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन 350 लाख टन होने का अनुमान है.
एनएफसीएसएफ ने कहा कि क्लोजिंग स्टॉक अनुमानों में लगभग 2 प्रतिशत की गड़बड़ हो सकती है, क्योंकि गणना सरकारी रिलीज ऑर्डर और चीनी मिलों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है. वर्तमान में, एक्स-मिल चीनी की कीमतें 3,880 रुपये और 3,920 रुपये प्रति क्विंटल के बीच स्थिर बनी हुई हैं, जिसे सीमित निर्यात की अनुमति और रेगुलेटेट घरेलू रिलीज कोटा जैसे सरकारी हस्तक्षेपों से समर्थन मिला है, जो कम उत्पादन और मजबूत मांग के बावजूद आपूर्ति को संतुलित करते हैं.
30 अप्रैल तक, चालू 2024-25 सत्र में चीनी उत्पादन 286 लाख टन था, जिसमें से 30 लाख टन इथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्ट किया गया. सरकार द्वारा अगले सत्र के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में हाल ही में 355 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि से किसानों को अधिक गन्ना खेती करने के लिए प्रोत्साहित होने की उम्मीद है.
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एनएफसीएसएफ ने सरकार से बढ़ती फीडस्टॉक लागत को प्रतिबिंबित करने के लिए इथेनॉल खरीद मूल्यों को संशोधित करने और 2035 तक स्पष्ट रोडमैप के साथ वर्तमान 20 प्रतिशत से आगे ब्लेंडिंग लक्ष्यों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने मांग को बढ़ावा देने के लिए फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों (एफएफवी) को बढ़ावा देने और डीजल के साथ इथेनॉल मिश्रण की संभावना तलाशने का भी आह्वान किया.
एनएफसीएसएफ ने इथेनॉल उत्पादन में चीनी क्षेत्र के योगदान में गिरावट को उजागर किया, जो 2022-23 में 73 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में अनुमानित 38 प्रतिशत हो गया और 2024-25 में और घटकर 28 प्रतिशत होने का अनुमान है. यह कमी मुख्य रूप से इथेनॉल की कीमतों में गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ तालमेल न रखने के कारण हुई है, जिससे चीनी मिलों के लिए इथेनॉल उत्पादन कम लाभदायक हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र की 952 करोड़ लीटर की इथेनॉल उत्पादन क्षमता का कम उपयोग हो रहा है.
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