बेंगलुरु की एग्रीटेक कंपनी Fyllo एक इनोवेटिव स्टार्टअप है जो खेती के लिए स्मार्ट डिवाइसेज बनाती है. इसके दो पॉपुलर डिवाइस हैं- Nero, जो मिट्टी की नमी को मॉनिटर करता है, और Kairo, जो मौसम की जानकारी देता है. ये डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड सर्वर से जुड़े होते हैं, जिससे किसानों को कीट हमले, मौसम बदलाव और मिट्टी की स्थिति की सही जानकारी मिलती है.
Fyllo के को-फाउंडर सुधांशु राय के अनुसार, कंपनी पहले भारत में अपना डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मजबूत करेगी, उसके बाद ही विदेशी बाजारों की तरफ रुख करेगी. उनका मानना है कि पहले लोकल किसानों को बेहतर टेक्नोलॉजी देना जरूरी है.
Fyllo पहले बाहर से महंगे सेंसर मंगवा रही थी जिनकी लाइफ सिर्फ 3.5 से 4 साल होती थी और कीमत 13,500 से 14,000 रुपये तक होती थी. इससे पूरे डिवाइस की कीमत 20,000 रुपये से ज़्यादा हो जाती थी, जो किसानों के लिए एक बड़ी बाधा थी.
इस समस्या को हल करने के लिए, Fyllo ने IIT के साथ मिलकर Nero Infinity नाम का नया डिवाइस तैयार किया. इसमें PVC पाइप का इस्तेमाल किया गया ताकि सेंसर की लाइफ बढ़ाई जा सके. इसमें Standing Wave Ratio (SWR) तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जिससे नमी मापी जाती है.
नई तकनीक की मदद से डिवाइस की कीमत 16,000 रुपये तक लाई गई और इसकी उम्र 10 साल से ज्यादा हो गई. इसका रिजल्ट ये रहा कि सिर्फ एक महीने में 8,000 बुकिंग्स मिल गईं, जबकि पहले एक साल में 4,000 डिवाइस ही बिकते थे. किसानों ने बुकिंग के लिए 1,000 रुपये एडवांस भी दिए. "Nero" शब्द का मतलब है पानी- इसलिए इस डिवाइस को Nero Infinity नाम दिया गया.
आज Fyllo के डिवाइसेज का इस्तेमाल 40 से ज़्यादा कंपनियां कर रही हैं, जो किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती हैं. सुधांशु राय कहते हैं कि कंपनियों को तीन चीजें चाहिए होती हैं:
Fyllo एक ऐसा उदाहरण है कि कैसे भारतीय स्टार्टअप, स्थानीय समस्याओं को समझकर, नई तकनीक के ज़रिए खेती को स्मार्ट और टिकाऊ बना सकते हैं. Nero Infinity जैसे डिवाइस से किसानों को न सिर्फ सही जानकारी मिलती है, बल्कि उनकी लागत भी घटती है और मुनाफा बढ़ता है. Fyllo का लक्ष्य अब है- हर किसान तक पहुंच बनाना और भारतीय कृषि को टेक्नोलॉजी से जोड़ना.