बिहार की उपजाऊ भूमि राज्य की कृषि समृद्धि का प्रमुख कारण है. इस समृद्धि में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों, जिनमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय है. कृषि विभाग ऐसे प्रगतिशील किसानों को खेती में नवाचार के लिए सम्मानित करता रहा है. इसी कड़ी में, कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने नालंदा जिले के तीन प्रगतिशील किसानों आकांक्षा कुमारी, मंजुला, और बुंदन प्रसाद को सम्मानित किया है. ये किसान उद्यमिता विकास, महिला सशक्तिकरण, नवाचार, और आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से न केवल स्वयं को प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरणा दे रहे हैं. कृषि सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं.
कृषि सचिव ने बताया कि राज्य में खेती को लाभकारी बनाने के लिए केवल उत्पादन पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास और बाजार तक पहुंच की व्यवस्था पर भी ध्यान देना जरूरी है. आगे उन्होंने कहा कि अब समय की मांग है कि किसान उत्पादन के साथ-साथ अपने उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर भी ध्यान दें. इससे न केवल उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा, बल्कि उनकी पहचान एक सफल उद्यमी के रूप में भी स्थापित होगी.
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बिहार जैसे राज्य में, जहां खेती में पुरुषों की भागीदारी प्रमुख रूप से देखी जाती है. वहीं, पिछले कुछ वर्षों में महिला किसानों का कृषि से सीधा जुड़ाव बढ़ा है. नालंदा जिले की आकांक्षा कुमारी और मंजुला इसका जीवंत उदाहरण हैं. इन्होंने न केवल कृषि क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया है.
ये महिलाएं न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी सशक्त बना रही हैं. कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार किसानों को हर स्तर पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें.
नालंदा जिले की मंजुला ने 2010 में मशरूम की खेती से शुरुआत की और आज वह मसाला निर्माण और बिक्री में एक सफल व्यवसायी बन चुकी हैं. वे 30 महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रही हैं, जो उनके उत्पादों की मार्केटिंग में सहायता करती हैं, जिससे सामूहिक आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है.
इसके अलावा, आकांक्षा कुमारी अचार, बड़ी, पापड़, और मुरब्बा जैसे घरेलू उत्पाद बनाती हैं और किसानों से कच्चा माल खरीदती हैं. वहीं, कृषि सचिव द्वारा सम्मानित बुंदन प्रसाद स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं.