देश में खेती के तीन सीजन होते हैं जिन्हें रबी, खरीफ और जायद सीजन के तौर पर जाना जाता है. रबी और खरीफ की फसलें अक्सर चर्चाओं में बनी रहती हैं, लेकिन जायद सीजन के बारे में देश के अधिकांश किसानों को जानकारी नहीं है. असल में मौजूदा समय रबी के सीजन का चल रहा है. इसके खतम होने के बाद जायद का सीजन आने वाला है. ऐसे में किसानों को अभी से जायद सीजन की जानकारी होना बेहद जरूरी है.
इस बात को ध्यान में रखते हुए आप जान लीजिए कि जायद के मौसम में कौन सी फसल उगाई जाती है. आपको एक ऐसी फसल के बारे में बताएंगे जिसमें न सिंचाई का झंझट होता और न खाद देने की टेंशन. आइए जानते हैं इस फसल के बारे में.
भारत में सबसे महत्वपूर्ण फसलों की खेती रबी या खरीफ के सीजन में की जाती है. लेकिन जायद मे होने वाली फसलें अपने कम लागत और बेहतर उपज के लिए जानी जाती है. ऐसी ही जायद की एक फसल है तरबूज. किसान इसकी खेती नकदी फसल के तौर पर करते हैं. वहीं इसकी खेती में किसानों को अधिक सिंचाई और खाद की जरूरत नहीं होती है.
जायद सीजन फरवरी के मध्य से लेकर मार्च के आखिरी तक होता है. जायद सीजन में लगाई गई फसलों की पैदावार गर्मियों के दिनों में देखी जाती है. इसमें सब्जियों की खेती प्रमुखता से की जाती है. वैसे तो रबी और खरीफ सीजन में भी प्रमुख सब्जियों की खेती की जाती है. लेकिन, अनुकूल जलवायु के मुताबिक कुछ फसलों की बुवाई जायद के मौसम में करने पर किसानों को बढ़िया पैदावार और मुनाफा होता है. जायद के मौसम में ज्यादातर नकदी फसलें उगाई जाती हैं. जैसे, तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी आदि.
तरबूज जायद मौसम की प्रमुख फसल है. इसकी खेती सबसे अधिक मैदानी इलाकों में की जाती है. ये कम समय, कम पानी और कम खाद में भी आसानी से उगाई जाने वाली फसल है. गर्मी के दिनों में इसकी बाजार में काफी डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि ये अपने लाल रंग और मीठे स्वाद के लिए काफी लोकप्रिय फल है. वहीं इसमें विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन C और एमिनो एसिड्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. गर्मियों में इस फल का सेवन शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए किया जाता है.