देश में किसान अब पारंपरिक फसलों की खेती को छोड़कर नकदी सब्जियों की खेती करने लगे हैं. सब्जियों की खेती से किसान खूब कमाई भी कर रहें हैं. लेकिन खेती करने के समय कई बार किसान काफी कंफ्यूज रहते हैं कि वो सब्जी की किन किस्मों की खेती करें जिससे अधिक लाभ हो. ऐसे में इस महीने खेती करने वाली ऐसी ही एक सब्जी है जिसकी वैरायटी का नाम 'नवभारती' है. दरअसल, ये करेले की एक खास किस्म है. बता दें कि करेले को लोग बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं. ऐसे में किसान इसकी खेती करके अच्छी कमाई भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं और कैसे इसकी खेती करें.
नवभारती किस्म: ये करेले की एक हाइब्रिड किस्म है. इस किस्म के करेले का रंग आकर्षक हरा होता है. साथ ही इसके फल करीब 20-22 सेमी लंबे होते हैं. ये किस्म बीज की बुवाई के लगभग 60 दिनों बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. वहीं, इसके प्रत्येक बेल में करीब 35 से 40 फल आते हैं. इस किस्म की बुवाई का समय जून-जुलाई, जनवरी और अप्रैल बेस्ट होता है.
पंजाब करेला-1: इस किस्म का करेला अपने लंबे आकार के लिए प्रसिद्ध है. इस किस्म के फल लंबे, पतले और सुर्ख हरे रंग के होते हैं. इसकी पहली तुड़ाई बुवाई के लगभग 66 दिन बाद की जा सकती है. प्रत्येक फल लगभग 50 ग्राम का होता है. इस किस्म से प्रति एकड़ औसतन 50 क्विंटल उपज प्राप्त किया जा सकता है.
पूसा विशेष: इस किस्म की खेती उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में की जाती है. इस किस्म की खेती फरवरी से जून तक की जा सकती है. इस किस्म के फलों का गूदा अधिक होता है. इस किस्म के पौधों की लंबाई लगभग 1.20 मीटर और प्रत्येक फल लगभग 155 ग्राम का होता है. इस किस्म से प्रति एकड़ औसतन 60 क्विंटल तक उपज प्राप्त किया जा सकता है.
करेले की बुवाई के लिए सबसे उचित समय बरसात के दिनों में मई-जून और सर्दियों में जनवरी-फरवरी माना जाता है. वहीं, खेत की तैयारी करते समय खेत में गोबर की खाद डालने के बाद कल्टीवेटर से अच्छी तरीके से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाते हुए उसमें पाटा लगा कर समतल कर लें. बुआई से पहले खेत में नालियां बना लें और इस चीज का विशेष ध्यान रखें कि खेत में जलभराव की स्थिति ना बने. फिर दोनों तरफ बनाई नाली में बीज की बुवाई करें. इसके अलावा किसान इन दिनों खेत में जाल बनाकर भी करेले की खेती कर सकते हैं. इससे किसानों को करेले की खेती में अच्छा मुनाफा हो सकता है.