2G इथेनॉल के एक्सपोर्ट को हरी झंडी, जानिए क्या है ये और किसे होगा फायदा

2G इथेनॉल के एक्सपोर्ट को हरी झंडी, जानिए क्या है ये और किसे होगा फायदा

सरकार ने 2जी इथेनॉल के निर्यात को मंजूरी दे दी है. इससे 2जी इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों और बायोफ्यूल प्रोड्यूसर्स को फायदा होगा. 2जी इथेनॉल को खोई, लकड़ी का कचरा, अन्य रिन्यूएबल रिसोर्स, उद्योगों से निकलने वाला कचरा, लिग्नोसेल्युलोजिक फीडस्टॉक्स (जैसे कृषि और फॉरेस्ट्री कचरा जैसे चावल और गेहूं का भूसा, मक्का और चारा, खोई, वुडी बायोमास) से बनाया जाता है.

The first formal notification, dated September 3, 2002, under the Vajpayee government, confirmed that ethanol-blended fuel was already being piloted in Maharashtra and Uttar Pradesh by mid-2001.The first formal notification, dated September 3, 2002, under the Vajpayee government, confirmed that ethanol-blended fuel was already being piloted in Maharashtra and Uttar Pradesh by mid-2001.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 26, 2025,
  • Updated Sep 26, 2025, 5:08 PM IST

भारत सरकार ने सेकंड जेनरेशन (2G) इथेनॉल के निर्यात को मंजूरी दे दी है. इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों और मिलों के लिए यह बड़ी खबर है क्योंकि इससे उनकी अतिरिक्त आमदनी बढ़ेगी. इसके निर्यात की मंजूरी का नोटिफिकेशन 24 सितंबर को सरकार ने जारी किया. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी DGFT) ने यह नोटिफिकेशन जारी किया. 

क्या है 2जी इथेनॉल?

2जी इथेनॉल को बनाने के लिए सेल्युलोजिक मटीरियल का प्रयोग किया जाता है. यह ऐसा इथेनॉल है जिसे बनाने में खोई, लकड़ी का कचरा, अन्य रिन्यूएबल रिसोर्स, उद्योगों से निकलने वाला कचरा, लिग्नोसेल्युलोजिक फीडस्टॉक्स (जैसे कृषि और फॉरेस्ट्री कचरा जैसे चावल और गेहूं का भूसा, मक्का और चारा, खोई, वुडी बायोमास), गैर-खाद्य फसलें (जैसे घास, शैवाल) का इस्तेमाल होता है. इस इथेनॉल का प्रयोग ईंधन और गैर-ईंधन के काम में हो सकता है.

किसे होगा फायदा?

2जी इथेनॉल का एक्सपोर्ट खुलने से उन कंपनियों या मिलों को फायदा होगा जो इस तरह के उत्पाद बनाती हैं. अभी इथेनॉल बनाने की बड़ी हिस्सेदारी चीनी मिलों के पास है जिनसे सरकारी तेल कंपनियां खरीद करती हैं और पेट्रोल में मिलाती हैं. पारंपरिक इथेनॉल बनाने में गन्ने के उत्पाद और अनाजों का इस्तेमाल होता रहा है जिससे अनाजों और गन्ना आदि पर दबाव बढ़ा है. इस दबाव को कम करने के लिए 2जी इथेनॉल को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सरकार की अपील

अभी हाल में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बोयाफ्यूल कंपनियों से इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था ताकि निर्यात के अवसर को भुनाया जा सके. जोशी ने कहा था कि दुनिया में इथेनॉल की भारी मांग है जिसे बायोफ्यूल कंपनियां इथेनॉल उत्पादन से पूरा कर सकती हैं. जोशी ने भारत के इथेनॉल की सफलता का भी जिक्र किया जिसमें पेट्रोल में ब्लेंडिंग के लक्ष्य को समय से पहले हासिल कर लिया गया है. पूरी दुनिया भारत के इस प्रयोग की सराहना कर रही है और भारत से तकनीकी ज्ञान ले रही है. 

इथेनॉल ब्लेंडिंग का काम तेज

सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसद इथेनॉल को मिलाने की मंजूरी दी है. इसे इथेनॉल ब्लेंडिंग कहा जा रहा है. इससे ईंधन पर खर्च होने वाला पैसा बच रहा है क्योंकि पेट्रोल का 20 फीसद हिस्सा इथेनॉल से आ रहा है. भारत सरकार को पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन को विदेश से आयात करने में अरबों रुपया खर्च करना होता है. इसके अलावा, ईंधन से प्रदूषण की भी समस्या है. इसे देखते हुए किसानों की मदद में देश में बड़े पैमाने पर इथेनॉल का निर्माण किया जा रहा है. इसका फायदा किसानों, खासकर गन्ना किसानों को मिल रहा है.

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