आज के समय में बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. जिस वजह से डिमांड और सप्लाई का चैन भी बिगड़ता जा रहा है. बढ़ती जनसंख्या की मांगों को पूरा करने के लिए हर चीज में मिलावट का काम किया जा रहा है. फिर चाहे वो खाने का समान हो या फिर लगाने का. हर चीजों में मिलावट किया जा रहा है. जिसका असर ना सिर्फ इंसानों पर बल्कि पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है. वहीं खेतों में इस्तेमाल किए जाने वाले खाद की बात करें तो इसमें भी मिलावट की खबर सामने आ रही है. जिसका खामिजाया ना सिर्फ किसानों बल्कि हम सभी को उठाना पड़ रहा है. ऐसे में आइये जानते हैं असली और नकली खाद को पहचानने का तरीका.
किसी भी फसल के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए अच्छे खाद और बीज की जरूरत होती है. यदि नकली या घटिया खाद और बीज का प्रयोग किया जाए तो फसल का उत्पादन तो घटता ही है साथ ही उसकी गुणवत्ता भी कम हो जाती है. इसलिए बाजार से अच्छे बीज खरीदते समय अच्छे बीजों का चयन करना बहुत जरूरी हो जाता है. किसान फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए बाजार से उन्नत गुणवत्ता के बीज और उर्वरक खरीदते हैं. लेकिन कई बार किसान भ्रामक विज्ञापनों या सूचनाओं के आधार पर खाद और बीज खरीद लेते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. सभी बीज, खाद और कीटनाशक कंपनियां किसानों को आश्वासन देती हैं कि उनका बीज सबसे अच्छा है और इस वर्ष अधिक उत्पादन देगा लेकिन सच इसके विपरीत है. नकली बीज खरीदने से फसल को नुकसान होता है. ऐसे में आइये जानते हैं कैसे करें पहचान.
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किसान चाहें तो बुवाई से पहले घर पर ही बीज की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं. इसके लिए उसे वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग करना होगा. बीज परीक्षण के लिए सूती कपड़ा विधि और अखबारों की मदद से भी इसका पता लगाया जा सकता है.