शकरकंद की खेती से कर सकते हैं बंपर कमाई, ये बेस्ट किस्म देगी अच्छी पैदावार

शकरकंद की खेती से कर सकते हैं बंपर कमाई, ये बेस्ट किस्म देगी अच्छी पैदावार

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation)  किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शकरकंद की उन्नत किस्म श्री भद्रा का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं.

शकरकंद की खेती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • May 09, 2024,
  • Updated May 09, 2024, 11:17 AM IST

शकरकंद एक प्राकृतिक रूप से मीठी जड़ वाली सब्जी है. इसकी खेती पूरे साल की जाती है, लेकिन यह विशेष रूप से सर्दियों मिलती है. वहीं शकरकंद की मांग बाजारों में हमेशा बनी रहती है. आलू की तरह दिखने वाली शकरकंद की खेती अलग-अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. भारत में उगने वाले शकरकंद का स्वाद आज पूरी दुनिया को भा रहा है. साथ ही शकरकंद की 400 से अधिक किस्में हैं, किसान शकरकंद की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं.

लेकिन, सबसे जरूरी है शकरकंद की अच्छी क्वालिटी का बीज मिलना. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से घर बैठे ऑनलाइन तरीके से आप शकरकंद के बीज मंगा सकते हैं.

यहां से खरीदें श्री भद्रा किस्म

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation)  किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शकरकंद की उन्नत किस्म श्री भद्रा का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.

श्री भद्रा किस्म की खासियत

यह शकरकंद की अधिक उपज देने वाली किस्म है. यह एक छोटी अवधि में पैदा होने वाली किस्म है. ये किस्म 90 से 105 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी चौड़ी पत्तियां होती हैं. वहीं इसके कंद आकार में छोटे और गुलाबी होते हैं. इस कंद में 33 फीसदी शुष्क पदार्थ, 20 फीसदी स्टार्च और 2.9 फीसदी चीनी पाया जाता है.

श्री भद्रा किस्म की कीमत

अगर आप भी शकरकंद की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं, तो इसके 500 ग्राम के पैकेट के बीज फिलहाल 35 फीसदी की छूट के साथ 1562 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से शकरकंद की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.

कैसे करें शकरकंद की खेती

शकरकंद की फसल के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद खेत को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ देना चाहिए, ताकि उसमें मौजूद पुराने फसल अवशेष, खरपतवार और कीट नष्ट हो जाएं. इसके बाद 170 से 200 क्विंटल सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालकर दो से तीन बार खेत की जुताई करें. अंतिम जुताई रोटावेटर से करके खेत की मिट्टी को भुरभुरा और हवादार बना लें. उसके बाद शकरकंद की खेती करें.

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