IVRI की नई उन्नत बीन किस्म 90 दिन में देगी बंपर उपज, कम लागत में किसानों की मोटी कमाई कराएगी ये वैरायटी

IVRI की नई उन्नत बीन किस्म 90 दिन में देगी बंपर उपज, कम लागत में किसानों की मोटी कमाई कराएगी ये वैरायटी

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (ICAR-IVRI Varanasi) ने बीन्स यानी सेम सब्जी की उन्नत किस्म काशी बौनी सेम-207 को विकसित किया है. यह किस्म इसलिए भी खास है क्योंकि 35 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर भी बंपर पैदावार देने में सक्षम है. जबकि, 90 दिनों में फसल भी तैयार हो जाती है.

संक्रामक रोगों से लड़ने में सक्षम 'काशी बौनी सेम-207' लागत भी बचाती है.संक्रामक रोगों से लड़ने में सक्षम 'काशी बौनी सेम-207' लागत भी बचाती है.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Sep 25, 2024,
  • Updated Sep 25, 2024, 6:35 PM IST

रबी सीजन में सब्जियों की खेती की तैयारियों में जुटे किसानों के लिए नई किस्में विकसित की गई हैं. जो किसान सेम की बुवाई कर बंपर उपज के साथ कम लागत में मोटा मुनाफा हासिल करना चाहते हैं उनके लिए 'काशी बौनी सेम-207' किस्म की बुवाई का सुझाव दिया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिषद ने यूपी, राजस्थान, दिल्ली समेत 8 राज्यों के किसानों के लिए इस किस्म की बुवाई करने की सलाह दी है. फसल के कई संक्रामक रोगों से लड़ने में सक्षम होने के चलते 'काशी बौनी सेम-207' उपज भी ज्यादा देती है और किसानों की कीटनाशकों, दवाओं पर होने वाले खर्च को बचाती है. 

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिषद के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी (ICAR-IVRI Varanasi) ने बीन्स यानी सेम सब्जी की उन्नत किस्म काशी बौनी सेम-207 (Indian bean Kashi Bouni Sem- 207) को विकसित किया है और इसे अगस्त में बुवाई के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी है. यह किस्म इसलिए भी खास है क्योंकि 35 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर भी बंपर पैदावार देने में सक्षम है. 

यूपी समेत 8 राज्यों में बुवाई के लिए उत्तम 

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी (ICAR-IVRI Varanasi) के एक्सपर्ट के अनुसार भारतीय बीन्स की किस्म काशी बौनी सेम-207 को उत्तर भारतीय राज्यों में बुवाई के लिए उत्तम है. इस किस्म की बुवाई पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान कर सकते हैं. यह किस्म 90-95 दिन में ही तैयार हो जाती है. 

एक हेक्टेयर में 236 क्विंटल उपज मिलेगी 

IVRI एक्सपर्ट के अनुसार यह काशी बौनी सेम-207 किस्म अपनी झाड़ीदार तरीके से बढ़ने के लिए जानी जाती है. इसका पौधा 65-70 सेंटीमीटर तक ऊपर जाता है. इस किस्म की बुवाई के 90-95 दिन बाद पहली तुड़ाई शुरू हो जाती है. जबकि, बदलते और बढ़ते मौसम के दौरान भी बंपर उपज दे सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार इस किस्म के जरिए किसान प्रति हेक्टेयर में 236 क्विंटल तक उपज हासिल कर सकते हैं. किसान इस किस्म से 5 बार में बीन्स की तुड़ाई कर सकते हैं. इस किस्म के बीन्स का आकार भी बढ़ा रहता है, जिससे किसानों को कीमत अधिक मिलने की संभावना रहती है. 

संक्रामक रोगों को पनपने नहीं देती है ये किस्म 

काशी बौनी सेम-207 किस्म रोगों और कीटों से लड़ने में सक्षम है. यह किस्म फसल में लगने वाले कई तरह के संक्रामक रोगों को पनपने नहीं देती है, जिससे अन्य किस्मों की तुलना में उपज बढ़ती है. जबकि, कीटनाशकों और दवाओं में किसानों का होने वाला खर्च बचता है. ऐसे में रबी सीजन के दौरान बीन्स की बुवाई करने की तैयारी में जुटे किसान इस किस्म को अपना सकते हैं. 

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