रबी सीजन शुरू होने से पहले ही पंजाब में DAP की भारी किल्लत, किसान नेताओं ने पूरे राज्य में किया प्रदर्शन

रबी सीजन शुरू होने से पहले ही पंजाब में DAP की भारी किल्लत, किसान नेताओं ने पूरे राज्य में किया प्रदर्शन

बठिंडा के बाजक गांव के एक अन्य गेहूं उत्पादक बलदेव सिंह ने कहा कि खाद न तो सहकारी दुकानों पर उपलब्ध है और न ही निजी दुकानों पर. बठिंडा के मुख्य कृषि अधिकारी (सीएओ) जगसीर सिंह ने कहा कि जिले को रबी फसलों के लिए 42,000 टन की जरूरत है, जबकि केवल 9,100 टन की आपूर्ति की गई है.

DAP की जगह इस खाद का करें इस्तेमालDAP की जगह इस खाद का करें इस्तेमाल
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 27, 2024,
  • Updated Sep 27, 2024, 11:23 AM IST

गेहूं की बुआई के मौसम से पहले ही पंजाब में डीएपी की किल्लत हो गई है. ऐसे में किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. उन्हें डर है कि कहीं गेहूं और सरसों की बुवाई के समय प्रयाप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध न हो. इससे उपज भी प्रभावित हो सकती है. हालांकि, सरकार को उम्मीद है रबी सीजन के दौरान डीएपी की कोई कमी नहीं होगी. किसानों को भूरपूर उर्वरक मिलेगा. ऐसे भी पंजाब में गेहूं की बुआई 15 अक्टूबर के बाद शुरू होती है, जबकि दक्षिण-पश्चिम जिलों में नवंबर के पहले सप्ताह से बुआई शुरू होती है. खास बात यह है कि किसानों के सामने नकली खाद को लेकर भी परेशानी है. क्योंकि प्रदेश में धड़ल्ले से नकली धान बेची जा रही है.

वहीं, भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने बुधवार को बाजार में बेची जा रही नकली खाद और डीएपी की कमी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया है. सबसे बड़ी कृषि यूनियन के राज्य महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पंजाब भर के 16 जिलों में 17 जगहों पर धरना दिया. गेहूं की बुआई का समय आ रहा है और डीएपी की कमी है. ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां किसानों से कहा जा रहा है कि उन्हें डीएपी के हर बैग के साथ त रलीकृत नैनो डीएपी खरीदना होगा. हमें संदेह है कि इसमें आवश्यक पोषक तत्वों की कमी है, जो फसल की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. राज्य के कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने हालांकि डीएपी की कमी से इनकार किया, लेकिन वह राज्य के पास उपलब्ध मौजूदा स्टॉक के आंकड़े साझा करने से हिचक रहे हैं.

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पंजाब को मिला 90,876 टन डीएपी

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डीएपी मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को आपूर्ति की जाती है. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल उपयोग गेहूं, आलू और सरसों की बुआई के दौरान किया जाता है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2023 में केंद्र सरकार ने अगस्त महीने में राज्य के लिए 1.10 लाख टन उर्वरक निर्धारित किया था, जिसमें से पंजाब को 90,876 टन प्राप्त हुआ. 2024-25 रबी सीजन के लिए पंजाब को अनुमानित 5.50 लाख टन की जरूरत है, जिसमें गेहूं की बुवाई के लिए 4.80 लाख टन शामिल है. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि इस साल अगस्त में पंजाब को केवल 18,942 टन प्राप्त हुआ है, जबकि महीने के लिए आवंटन लक्ष्य 1.10 लाख टन था.

नकली खाद की भी हो रही बिक्री

अधिकारी के मुताबिक 13 अगस्त को राज्य के पास 40,942 टन डीएपी स्टॉक में था. उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर उन्हें डीएपी की कमी से अवगत कराया. मोगा के सलीना गांव के प्रगतिशील किसान तरसेम सिंह ने कहा कि डीएपी की अनुपलब्धता ने गेहूं उत्पादकों को चिंतित कर दिया है. अगले कुछ दिनों में धान की कटाई के बाद हम गेहूं की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करना शुरू कर देंगे. हमें आशंका है कि डीएपी की कम उपलब्धता से कालाबाजारी हो सकती है. मोगा में हाल ही में हुई एक घटना ने किसानों को और अधिक भयभीत कर दिया है, जब अधिकारियों ने बाजार में खुलेआम बेची जा रही नकली खाद बरामद की.

1,800 टन उर्वरक की आपूर्ति

बठिंडा के बाजक गांव के एक अन्य गेहूं उत्पादक बलदेव सिंह ने कहा कि खाद न तो सहकारी दुकानों पर उपलब्ध है और न ही निजी दुकानों पर. बठिंडा के मुख्य कृषि अधिकारी (सीएओ) जगसीर सिंह ने कहा कि जिले को रबी फसलों के लिए 42,000 टन की जरूरत है, जबकि केवल 9,100 टन की आपूर्ति की गई है. उन्होंने कहा कि बठिंडा में गेहूं की बुआई अक्टूबर के अंत में शुरू होती है और हमें आने वाले हफ्तों में और अधिक आवक की उम्मीद है. जिले को एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) जैसे डीएपी के विकल्प और अन्य विकल्प उर्वरकों की 1,800 टन आपूर्ति भी की गई है.

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