Rajasthan Agriculture News: राजस्थान के कृषि विभाग ने नकली खाद के खिलाफ अभियान चलाया है. विभाग की तरफ से 15 मई को खरीफ (मानसून की फसल) सीजन के दौरान नकली खाद की बिक्री और खाद व बीज की जमाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया. सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस अभियान का मकसद किसानों को अच्छी क्वालिटी की खाद मुहैया कराना है ताकि उन्हें अच्छी उपज हासिल हो सके.
राज्य के कृषि आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण अभियान 10 जुलाई तक चलाया जाएगा. इसके तहत विभाग के अधिकारी खाद, बीज और कीटनाशक निर्माताओं और डीलर्स की दुकानों का निरीक्षण करेंगे. उन्होंने कहा, 'अनियमितता पाए जाने पर कृषि इनपुट्स से जुड़े नियम जैसे उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत बिक्री पर प्रतिबंध, जब्ती, लाइसेंस निलंबन या रद्द करने जैसी कार्रवाई की जाएगी.'
पिछले साल राज्य में बड़ी मात्रा में नकली खाद और उर्वरक बरामद किए गए थे. 10 जुलाई से शुरू किए अभियान के तहत डीग जिले में सात अवैध गोदामों से 7,040 से अधिक बैग यूरिया, 3,630 बैग डीएपी, 540 बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) और 20 बैग जिंक सल्फेट जब्त किए गए. वहीं अलवर में इफको ब्रांड वाले 230, 84 बैग नकली डीएपी जब्त किए गए. इसी तरह हिंडौन में भी नकली डीएपी पकड़ा गया. इसी तरह से अक्टूबर 2024 में, अधिकारियों ने डीग जिले में अवैध गोदामों से नकली उर्वरकों के 11,000 से ज्यादा बैग जब्त किए. वहीं 10 अक्टूबर को राज्य में बड़े स्तर पर निरीक्षण में 997 जांच हुईं. इसमें 506 दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए, 49 पर बिक्री प्रतिबंध लगाए गए और अनियमितताओं के कारण 10 लाइसेंस निलंबित किए गए.
कृषि विभाग किसानों से अपील की है कि वो सिर्फ मान्यता प्राप्त डीलर्स से ही उर्वरक खरीदें और अगर उन्हें किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलती है तो विभाग को इसकी जानकारी दें. राज्य सरकार की मानें तो यह पहल किसानों को धोखाधड़ी वाले कृषि उत्पादों से बचाने के बड़े पैमान पर चलाए जा रहे राष्ट्रीय प्रयासों का ही एक हिस्सा है. मई 2023 में, उर्वरक विभाग ने देश भर में उर्वरकों की कालाबाजारी को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए. इन उपायों में औचक निरीक्षण, कानूनी कार्रवाई और गैर-अनुपालन करने वाले निर्माताओं का लाइसेंस तक रद्द कर दिया गया था.
यह भी पढ़ें-