बिहार के किसानों की हमेशा एक शिकायत रहती है कि उन्हें खेती के लिए अच्छी क्वालिटी का बीज नहीं मिलता है. इस वजह से उनकी फसल भी अच्छी नहीं होती है. आखिर ये सच है कि अच्छी खेती के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज का होना जरूरी होता है, लेकिन अब किसानों को निराश नहीं होना पड़ेगा. बिहार सरकार खरीफ सीजन के दौरान किसानों को विभिन्न फसलों के लिए अच्छी क्वालिटी वाले बीज उपलब्ध कराने जा रही है. किसानों को इन बीजों की खरीद पर सब्सिडी भी मिलेगी. इसको लेकर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.
कृषि विभाग के द्वारा खरीफ फसलों के लिए बीज अनुदान योजना के तहत किसानों को बीज मुहैया कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. खरीफ सीजन में बोई जाने वाली धान, अरहर, ज्वार, सोयाबीन, उड़द, मडुआ, मक्का सहित अन्य बीजों के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं. वहीं बीज पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इच्छुक किसान कृषि विभाग की अधिकारिक वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in या brbn.bihar.gov.in के वेबसाइट पर जाकर बीज अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने की तिथि 15 अप्रैल से 30 मई तक हैं. अब तक करीब 2400 से अधिक किसान ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं. किसान बीज के लिए आवेदन किसी भी सुविधा केंद्र या साइबर कैफे पर जाकर कर सकते हैं.
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बिहार के अन्नदाताओं को बीज लेने के लिए कृषि विभाग या बीज केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं है. अब वे बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन के दौरान ही होम डिलीवरी बीज का ऑप्शन का चयन कर सकते हैं. और उनके दरवाजे तक बीज पहुंच जाएगा. होम डिलीवरी बीज पाने के लिए प्रति किलो बीज पर कुछ राशि भी देनी होगी, जो करीब 2 से 5 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गई है. वहीं किसानों का कहना है कि अगर घर तक बीज आने से समय के साथ पैसे की बचत होगी. विशेषरूप से छोटे किसानों को 2 से तीन किलो बीज के लिए 10 से 12 किलोमीटर दूर ब्लॉक में जाना पड़ता है, जो अब घर पर ही बीज मिल जाएगा.
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किसानों के द्वारा बिहार राज्य बीज निगम के पोर्टल पर किए ऑनलाइन आवेदन का जांच होगी. उसके बाद कृषि समन्वयक एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा आवेदन की जांच की जाएगी. प्रखंड कृषि पदाधिकारी के द्वारा आवेदन जिला कृषि अधिकारी को भेजा जाएगा. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा आवेदन स्वीकृत किया जाएगा. उसके बाद आवेदन के दौरान किसानों के द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा और उन्हें बीज प्राप्ति के बारे में सूचना दी जाएगी. वहीं बीज विक्रेता फिंगर प्रिंट, आइरिस स्कैन या फिर आधार के द्वारा सत्यापन करने के बाद किसान को बीज दिया जाएगा.