राजस्थान के धौलपुर के भम्पुरा गांव में लोग टोकरे बनाने का काम करते हैं. इन टोकरों को स्थानीय भाषा में ढकूला कहते हैं. इन लोगों से किसान तक की टीम ने मुलाकात की. इस दौरान टोकरों के बनने से लेकर बेचने तक का पूरा सफर जानने की कोशिश की. ढकूला बना रहे लोगों ने बताया कि ये टोकरे चवैनी की लकड़ी से बनाए जाते हैं. गांव के लोग जंगल के काफी अंदर जाकर चवैनी की लकड़ी लाते हैं. ढकूला बेचने के लिए 25 किमी दूर जाना पड़ता है. छोटे किसानों को इससे रोजगार भी मिल जाता है. देखें ये वीडियो