देश के लगभग सभी राज्यों में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है. या कहीं-कहीं कटाई जारी है. इस बीच किसान अब अपनी फसलों को बेचने के लिए गेहूं को स्टोर करने लगे हैं, लेकिन कई बार देखा गया है कि गेहूं को स्टोर करने में किसान कई गलतियां कर देते हैं जिस वजह से उनकी फसल खराब हो जाती है. इसी को देखते हुए पूसा ने गेहूं स्टोर करने के लिए एक एडवाइजरी जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि इस इस साप्ताहिक मौसम गेहूं को कैसे स्टोर करें. आइए जानते हैं.
कृषि परामर्श सेवाओं, कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को कई सलाह दी गई है. जैसे, अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडार घर की सफाई करें और अनाज को सुखा लें. दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. भंडार घर को अच्छे से साफ कर लें. छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें. बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें. बोरियों को धूप में सुखाकर रखें, जिससे कीटों के अंडे, लार्वा और अन्य बीमारियां आदि नष्ट हो जाएं. किसानों को सलाह है की कटी हुई फसलों और अनाजों को सुरक्षित स्थान पर रखें.
इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह है. किसान कटी हुई फसलों को बांधकर और ढककर रखें, अन्यथा तेज हवा या आंधी से फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है. गहाई के उपरांत भंडारण से पूर्व दानों को अच्छी तरह से सुखा दें.
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रबी फसल यदि कट चुकी है तो उसमें हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें. हरी खाद के लिए ढ़ेचा, सनई और लोबिया की बुवाई की जा सकती है. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.
इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खडी फसलों और सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें. सिंचाई सुबह या शाम के समय करें जब हवा की गति कम हो.
अधिक तापमान से टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसलों को बचाने के लिए किसानों को सलाह दी जाती है कि 2 फीसदी Nephthalene acetic acid (NAA) का घोल खड़ी फसलों फर छिडकाव करें, ताकि फलों का विकास अच्छे से हो.
मूंग की फसल की बुवाई के लिए किसान उन्नत बीजों की बुवाई करें. मूंग कि पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा- 5931, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल- 32, एस एम एल- 668, सम्राट किस्म को बुवाई से पहले बीजों को फसल विशेष राइजोबियम और फास्फोरस सोल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया से अवश्य उपचार करें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.