60 रुपये के देसी जुगाड़ से फसलों के आसपास भी नहीं भटकेंगे कीट, इस्तेमाल करने का ये है तरीका

60 रुपये के देसी जुगाड़ से फसलों के आसपास भी नहीं भटकेंगे कीट, इस्तेमाल करने का ये है तरीका

खेती में कीटों के हमले से काफी परेशान रहते हैं. इसके लिए किसान महंगी मशीने और कई अलग-अलग उपाय अपनाते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा देसी जुगाड़ बताएंगे जिससे सस्ते में कीटों से छुटकारा मिल जाएगा

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संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 23, 2025,
  • Updated Jan 23, 2025, 11:59 AM IST

फसलों पर कीड़ा लगना एक आम बात है. लेकिन ये कीट फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. यह कीड़े फसलों के फूलों पर हमला करते है, जिससे किसानों को इसकी वजह से पैदावार में 30 से 40 फीसदी तक का नुकसान होता है. इससे बचने के लिए किसान कई बार अलग-अलग तरह की दवा और महंगे ट्रैप मशीनों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा देसी जुगाड़ बताएंगे जिससे मात्र 60 रुपये के खर्च में आप इन कीटों से छुटकारा पा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है वो जुगाड़ और कैसे करें इसका इस्तेमाल.

ये है कीटों के लिए देसी जुगाड़

कीटों से छुटकारा पाने के लिए किसान डीएपी की बोरी जो पीली रंग की होती है उसको उल्टा यानी पलट कर खेत में बांस के सहारे रस्सी में बांध कर टांग दें. किसान ये ध्यान रखें कि बोरी का जो बाहरी हिस्सा है उसके दोनो तरह ग्रीस जरूर लगा दें. ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर, पंपिंग सेट, चारा मशीन समेत दूसरे कृषि उपकरणो में ग्रीस का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए किसानों को ये आसानी से मिल जाती है.

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कम पैसे में मिलेगा छुटकारा

डीएपी की पीली बोरी को इस्तेमाल इसलिए फायदेमंद है क्योंकि कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि कीट पीले रंग की ओर आकर्षित होते हैं. आजकल कई निजी कंपनियां पीले रंग के फेरोमोन ट्रैप मशीनों की बिक्री करते हैं. ये मशीनें हजार रुपये या इससे ज्यादा कीमत की पड़ती हैं. ऐसे में किसानों के पास सस्ते और देसी जुगाड़ के रूप में ग्रीस लगी पीली बोरी कीटों को नियंत्रित करने के लिए आधुनिक फेरोमोन ट्रैप की तरह काम कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में किसान इस ग्रीस लगी बोरी के देसी जुगाड़ का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं और अपनी फसल को कीटों से बचाने के साथ ही अपना पैसा बर्बाद होने से बचा रहे हैं.

ऐसे करें बोरी का इस्तेमाल

बात करें इस देसी जुगाड़ के इस्तेमाल करने कि तरीके की तो खेतों में इसे बांस के सहारे फसल से मात्र आधा से एक फ़ुट ऊपर लगाएं. खेत में बोरी को दोनों और से लगाएं. ये बोरी खेत में फसलों के अंकुरण के ठीक बाद लगाएं और फसल जब तक पक न जाएं तक लगाए रखें. वहीं, महीने में कम से कम एक बार बोरी पर दोबारा से ग्रीस लगा दें. साथ ही बता दें कि एक बार में 200 ग्राम ग्रीस लगेगा जिसमें किसानों का 60 से 80 रुपये तक का खर्च आएगा.

ग्रीस लगी बोरी का लाभ

इस ग्रीस लगी बोरी के फायदे की बात करें तो ये किसानों के लिए काफी सस्ता और किफायती है. वहीं इस ग्रीस लगे बोरी में कीट आकर्षित होते चिपक जाते हैं जिससे किसान की फसलों का नुकसान होने से बचा जाता है. साथ ही इस देसी जुगाड़ की मदद से किसानों का समय, धन और संसाधनों की बचत होती है. बता दें कि आधुनिक फेरोमोन ट्रैप मशीन का इस्तेमाल ज्यादा तर कपास की फसलों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन ग्रीस लगे बोरी का इस्तेमाल किसान लगभग सभी फसलों के लिए कर सकता है.

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