पिछले कुछ सालों से हमारे देश के लोगों में होम गार्डनिंग की ओर झुकाव बढ़ा है. होम गार्डनिंग में दिलचस्पी रखने वाले लोग घर में ही फल और सब्जियों के पौधे लगा लेते हैं. आमतौर पर भारतीय घरों में ऐसे पौघे लगाए जाते हैं जो आसानी से लग सकें और उनको कई तरह से उपयोग में लाया जा सके. ऐसा ही केला का पौधा होता है जो लगभग हर घर में आसानी से देखने को मिल जाता है. घर में केले के पौधे लगाने के कई फायदे हैं. फल खाने के अलावा इसके वास्तु महत्व भी बताए जाते हैं. हालांकि केले का पौधा आसानी से लग तो जाता है लेकिन इसकी देखभाल करना बड़ी चुनौती का काम है.
केले का पौधा किसी भी तरह के वातावरण में आसानी से लगाया जा सकता है. इसको विशेष देखभाल की भी जरूरत नहीं होती है. लेकिन इसके साथ ही इसमें कई तरह के रोग का भी खतरा बना रहता है. काला सिगाटोका रोग एक फंगल बीमारी बताई जाती है. आपको बता दें कि पौधों में ये रोग माइकोस्फेरेला फिजीएन्सिस नामक फंगस के कारण होता है. ये इतना खतरनाक रोग होता है कि ये आपके बगान या पौधे को 100 फीसदी तक नष्ट कर सकता है.
कई बार किसान शिकायत करते हैं कि उनके बगान या पौधे में काला सिगाटोका रोग लग गया है, लेकिन उन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं हो पाती. किसी तरह की बीमारी के रोकथाम के लिए उसकी नब्ज पकड़ पाना जरूरी है.
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आपको बता देते हैं कि आप कैसे पता कर सकते हैं कि केले के पौधे में काला सिगाटोका रोग लग गया है? लक्षण जान लेते हैं.
आपको बता देते हैं कि काला सिगाटोका रोग फंगल बीमारी है. इससे बचाव के लिए अधिक नमी को कम करना होगा. आप खेत या पौधे के आसापास किसी तरह का पानी ना जमा होने दें. अगर पौधों के आसपास किसी तरह की गंदगी है तो फौरन हटा दें ताकि फफूंद ना पनपने पाए. अगर पौधे को पानी की जरूरत नहीं है तो अनावश्यक सिंचाई करने से बचना चाहिए. रोग होने पर fungicides का छिड़काव करना चाहिए.
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