PM मत्स्य किसान समृद्धि योजना का लाभ लेना है, इस पोर्टल पर तुरंत कराएं रजिस्ट्रेशन

PM मत्स्य किसान समृद्धि योजना का लाभ लेना है, इस पोर्टल पर तुरंत कराएं रजिस्ट्रेशन

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एन.एफ.डी.पी.) पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. अब तक बिहार के 1.39 लाख मत्स्य किसान एन.एफ.डी.पी. पर रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं. केंद्र और राज्य सरकार मछुआरों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनेक प्रकार से लाभ प्रदान कर रही है.

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अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Sep 16, 2025,
  • Updated Sep 16, 2025, 6:14 PM IST

आज मछली पालन केवल आय बढ़ाने का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह मत्स्य क्षेत्र एक उद्योग के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा है. हालांकि, यह क्षेत्र अभी भी असंगठित होने के कारण कई लोगों को सरकारी योजनाओं सहित अन्य सुविधाओं का लाभ और आवश्यक जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है.

इसी को ध्यान में रखते हुए, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य प्रभाग द्वारा राज्य में मत्स्य किसानों को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने और मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं दिलाने के उद्देश्य से नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एन.एफ.डी.पी.) पर रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है. यह सुविधा राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत मत्स्य किसानों को लाभ उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

बिहार में मत्स्य पालन को मिल रही पहचान 

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत एन.एफ.डी.पी. (National Fisheries Development Portal) के माध्यम से मछली पालकों, छोटे उद्यमों, स्वयं सहायता समूह (SHGs), सहकारी समितियों और मत्स्य किसान संगठनों को 35 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इसके तहत मत्स्य पालन को लेकर तकनीकी सहायता, वित्तीय जानकारी और योजना से लाभ लेने में मदद मिल रही है. वहीं, जिस मछुआरा की कोई पहचान नहीं है. वे एन.एफ.डी.पी. पर पंजीकरण करने के बाद उन्हें डिजिटल पहचान पत्र भी प्राप्त हो रहे हैं, जो उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायक बनेगा.

डिजिटल बदलाव की ओर बढ़ते बिहार के कदम

एन.एफ.डी.पी पोर्टल पर अब तक बिहार में 1.39 लाख से अधिक मछली से जुड़े किसानों ने पंजीकरण कराते हुए अपनी डिजिटल पहचान प्राप्त कर ली है जो यह दर्शाता है कि राज्य मत्स्य पालन को उद्यम के रूप में स्थापित कर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.  इससे न सिर्फ मत्स्य क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं, बल्कि मछुआरों का जीवन स्तर भी सुधर रहा है. सरकार का यह प्रयास मत्स्य पालन को आधुनिक, तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

मत्स्य किसान कहां और कैसे करें आवेदन 

मत्स्य पालन क्षेत्र में काम करने वाले मछुआरों और श्रमिकों को असंगठित क्षेत्र से व्यवस्थित क्षेत्र में लाने का प्रयास सरकार की ओर से  किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को  एन.एफ.डी.पी. पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है. इसके साथ ही इच्छुक व्यक्ति या संगठन https://nfdp.dof.gov.in पर लॉगिन कर सकते हैं और अधिक जानकारी के लिए आवेदक जिलों के मत्स्य कार्यालय से भी विस्तृत जानकारी ले सकते हैं. वहीं,एन.एफ.डी.पी. पोर्टल पर पंजीकरण के बाद लाभार्थियों को प्रशिक्षण, बीमा, वित्तीय सहायता और योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है.

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