लखपति दीदी: पढ़िए सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता देवी की कहानी, PM नरेंद्र मोदी भी हुए मुरीद

लखपति दीदी: पढ़िए सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता देवी की कहानी, PM नरेंद्र मोदी भी हुए मुरीद

सुनीता के परिवार में पति, सास और दो बच्चे हैं. सुनीता पढ़ी-लिखी हैं. उन्होंने ग्रेजुएशन (बीए) किया है. वो किसान परिवार से हैं. लेकिन अब वो टेक्नलॉजी के बेहतर प्रयोग से देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं.

यूपी की ड्रोन दीदी सुनीता देवी
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • May 02, 2024,
  • Updated May 02, 2024, 11:50 AM IST

Drone Didi: भारत की नारी-शक्ति आज हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है. कुछ वर्ष पहले तक किसने सोचा था कि हमारे गांव में रहने वाली महिलाएं भी ड्रोन उड़ाएंगी. लेकिन आज ये संभव हो रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले (Sitapur News) की रहने वाली सुनीता देवी 'ड्रोन दीदी'  (Drone Didi) के नाम से मशहूर हैं. वो खेतों में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करती हैं. आसपास के कई किसान अपने खेतों में छिड़काव कराने के लिए उनकी मदद लेते हैं. ड्रोन दीदी सुनीता आज घर बैठे पैसा कमा रही हैं. 

अब तक 20 हजार रुपये की आय

सुनीता ने बताया कि बीते 4 महीने में करीब 180 एकड़ खेत में कीटनाशक दवा जैसे नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और सागरिका का छिड़काव कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि 40 एकड़ में छिड़काव से उन्हें 20 हजार रुपये की इनकम हुई है क्योंकि बाकी समय किसानों को डेमो देने में चला गया. इसलिए कम इनकम हुई है. सुनीता देवी कहती हैं कि दिल्ली से वैज्ञानिकों की टीम सीतापुर आई थी. जहां उन्हें ड्रोन के जरिए खेती की नई-नई तकनीक की जानकारी दी गई थी.  

पीएम ने 'मन की बात' में की तारीफ

आज बहुत सारे किसान ड्रोन के जरिए अपने खेतों में छिड़काव कर रहे हैं जिससे कम लागत और समय की बचत हो रही है. बीते दिनों ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 110वें ऐपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता देवी से बात की थी. प्रधानमंत्री ने ड्रोन दीदी के परिवार और उनके विषय में जाना था. इसके बाद सोशल मीडिया पर इनकी काफी चर्चा हो रही है और लोग इनके कामों की काफी सराहना कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: किसान अब सीखेंगे ड्रोन की तकनीक, UP के इस कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगा कोर्स, फटाफट करें आवेदन

जानिए कैसे शुरू हुआ सफर

सुनीता देवी ने कहा कि उन्होंने फूलपुर 'IFFCO' कंपनी में ड्रोन की ट्रेनिंग ली. बाद में इलाहाबाद में ट्रेनिंग मिली. इससे पहले उन्होंने सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र पर ड्रोन देखा था. उन्होंने बताया, पहले दिन हम जब गए तब ड्रोन को देखा. दूसरे दिन से इसकी ट्रेनिंग शुरू हो गई. पहले थ्योरी फिर प्रैक्टिकल हुए. क्लास में ड्रोन के पार्ट से लेकर उसके इस्तेमाल तक के बारे में बताया गया. तीसरे दिन पेपर हुआ और फिर ड्रोन उड़ाना सीख गए.

किसानों की जुटती है भारी भीड़

ड्रोन दीदी के नाम से मशहूर सुनीता देवी ने बताया कि बारिश के मौसम में किसानों को खेत में जाने में दिक्कत होती है. ऐसे में ड्रोन काफी काम आ सकता है. हम खेत के किनारे खड़े होकर अपने ड्रोन से काम करा सकते हैं. ड्रोन खेत के अंदर घुसकर कीड़े मकोड़ों को हटा सकता है. खेत की निगरानी रख सकता है. ड्रोन की मदद से खेत में खाद डालना भी आसान हो गया है. सिधौली ब्लॉक के रत्नापुर की रहने वाली सुनीता ने आगे बताया कि किसान बस हमें आकर ये बताते हैं कि उनका खेत कहां तक है. इसके बाद हम ड्रोन की मदद से आधे घंटे में छिड़काव कर देते हैं. सुनीता देवी ने बताया कि जब वो गांव में ड्रोन से छिड़काव करने जाती हैं, तो इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट जाती है. इलाके के बड़े किसान उनका नंबर लेकर जाते हैं और अपने खेतों में भी छिड़काव करने के लिए बुलाते हैं. 

सुनीता ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई

आपको बता दें कि सुनीता के परिवार में पति, सास और दो बच्चे हैं. सुनीता पढ़ी-लिखी हैं. उन्होंने ग्रेजुएशन (बीए) किया है. वो किसान परिवार से हैं. लेकिन अब वो टेक्नलॉजी के बेहतर प्रयोग से देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं. सीतापुर की सुनीता देवी आज ड्रोन दीदी के नाम से पहचानी जाती हैं. 

खेती में ड्रोन के कई फायदे

मेले में किसानों को बताया गया कि ड्रोन तकनीक समय, श्रम और संसाधनों की बचत करने वाली एक आधुनिक तकनीक है, जो कृषि लागत को कम करने में और फसल उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है. साथ ही ड्रोन का उपयोग फसलों के बारे में नियमित जानकारी प्राप्त करने और अधिक प्रभावी कृषि तकनीकों के विकास में सहायक है. बदलते मौसम की स्थिति में भी ड्रोन तकनीक का आसानी से प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा दुर्गम इलाकों में और असमतल भूमि में कीटनाशक, उर्वरकों और खरपतवार नाशक के छिड़काव में भी सहायक है.

ये भी पढ़ें: हम हैं ड्रोन दीदी: ये हैं अयोध्या की ड्रोन दीदी सबीना और शीला, नई तकनीक से किसानों का बचाएंगी खर्च

क्या है ड्रोन दीदी योजना?

खेती को आधुनिक तरीकों से करने के लिए केंद्र सरकार किसानों को प्रेरित कर रही है. इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है. महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2024-25 से 2025-26 के दौरान 1261 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है. अनुमान है कि कृषि उद्देश्यों के लिए ड्रोन किराए पर लेकर महिला किसान सालाना 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती हैं. ड्रोन सब्सिडी के लिए देशभर से 15 हजार महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा.

 

MORE NEWS

Read more!