ट्रैक्टर खरीदने के लिए बैंक कई तरह के लोन देती हैं लेकिन किसानों को ट्रैक्टर खरीदते वक्त कौन सा और किस बैंक से लोन लेना है ये फैसला बहुत सोच समझ कर लेना चाहिए. खासतौर पर कर्ज पर ब्याज कितनी है, इसका खास ध्यान रखना चाहिए. अगर आप लोन पर ट्रैक्टर लेने का प्लान कर रहे हैं लेकिन मन में कई सवाल है जैसे कि लोन के लिए कैसे अप्लाई करना है, कितना लोन मिलता है, कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है, ब्याज की दर क्या है या किश्त ना चुकाने पर कितना जुर्माना लगता है. इन सभी सवालों पर किसान तक ने HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के एक्सपर्ट से बात की और ये जवाब सामने आये.
सबसे पहला सवाल तो यही आता है कि सरकारी या प्राइवेट किस बैंक से लोन लिया जाए. हालांकि ज्यादातर किसान सरकारी बैंकों से लोन लेना पसंद करते हैं ताकि उन्हें कम ब्याज दर पर पैसा मिल सके और उसे चुकाने में आसानी हो लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि सरकारी बैंकों से लोन मिलने की प्रकिया थोड़ी लंबी होती है और अगर कोई डॉक्यूमेंट पूरा नहीं है तो लोन नहीं मिलता. दूसरी ओर प्राइवेट बैंक से सामान्य तौर पर लोन जल्दी अप्रूव हो जाता है , हालांकि प्राइवेट बैंक में ब्याज की दर अलग हो सकती है. लोन लेने से पहले अपने आसपास के हर बैंक से ट्रैक्टर लोन के ब्याज दर की तुलना करें और जहां सबसे कम ब्याज हो वहां से लोन के लिए आवेदन करें. सरकारी बैंक में सबसे कम ब्याज पर ट्रैक्टर लोन SBI देती है, इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, ICICI , HDFC, और बैंक ऑफ इंडिया से भी लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है.
सरकार ट्रैक्टर और दूसरे कृषि उपकरण खरीदने पर किसानों की मदद के लिए बैंक के माध्यम से लोन देती है. SBI और दूसरी सरकारी बैंकों या प्राइवेंट बैंक से ट्रैक्टर के लिए 80% तक लोन मिल जाता है. यानी सिर्फ 20% का डाउन पेमेंट करते हुए आप अपने ट्रैक्टर घर ले जा सकते हैं. 80% तक के लोन का ये फायदा है कि जिन किसानों को ट्रैक्टर खरीदना है लेकिन ज्यादा पैसा नहीं है वो भी लोन से ट्रैक्टर खरीद सकते हैं.
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सामान्य शब्दों CIBIL स्कोर आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड, उनके बिल और दूसरे ट्रांजेक्शन के आधार पर बनता है. प्राइवेट बैंक सिबिल स्कोर का रिकॉर्ड देखती हैं. अगर 650 या इससे ऊपर का स्कोर होता है तो वो अच्छा माना जाता है और बैंक कम ब्याज पर आसानी से लोन दे देती हैं. लेकिन अगर सिबिल स्कोर इससे कम है तो हो सकता है लोन तो मिल जाये लेकिन ब्याज की दर ज्यादा हो सकती है. लोन की किश्त हर महीने, तीन महीने का 6 महीने के हिसाब से बनवाई जा सकती है.
ट्रैक्टर लोन लेने के लिए नजदीकी बैंक शाखा में जा सकते हैं और वहां ट्रैक्टर लोन के लिए संबंधित आवेदन फॉर्म लेकर उसे भरें. फॉर्म के साथ सभी जरूरी डॉक्यूमेंट अटैच करें और उसे बैंक में जमा कर दें. इस काम में बैंक कर्मचारी भी मदद करते हैं. बैंक लोन आवेदन की रसीद लें और इसके बाद बैंक वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग का काम करेगी और ये पूरा होने पर लोन आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.