लखनऊ के किसान ने इस खास तकनीक से ली 'दशहरी आम' की पैदावार, कई गुना अधिक होगा मुनाफा

लखनऊ के किसान ने इस खास तकनीक से ली 'दशहरी आम' की पैदावार, कई गुना अधिक होगा मुनाफा

मलिहाबाद के रहने वाले उमंग गुप्ता बताते हैं कि इसको एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी नाम इसलिए दिया गया क्योंकि, इजरायली तकनीक से जो दशहरी आम होता है. इस पर एक भी दाग धब्बा नहीं होता है.

इजरायली तकनीक से उगाया गया आम 15 से 20 दिन तक चल सकता है. (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Apr 12, 2024,
  • Updated Apr 12, 2024, 3:49 PM IST

Mango Story: फलों में आम को राजा कहते हैं. अप्रैल से जून, जुलाई तक आम (Mango) मार्केट में मिलने लगता है. दुनिया भर में लगभग 1500 वेरायटी के आम होते हैं और सभी का स्वाद अलग होता है. वहीं लखनऊ के मलिहाबाद के दशहरी आम (Dussehri Aam) सदियों से बाजार में अपनी धाक जमाए हुए हैं. दशहरी आम की पैदावार करने वाले प्रगतिशील किसान उमंग गुप्ता ने बताया कि इस साल इजरायली तकनीक के जरिए दशहरी आम को एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी का नाम दिया है. उन्होंने बताया कि इसकी डिमांड अमेरिका और दुबई से लेकर कई देशों में है. सबसे खास बात है कि पेड़ से दशहरी आम को तोड़ने के बाद वो 4-5 दिनों तक चलता है. लेकिन इस एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी को 15 से 20 दिनों तक खाया जा सकता है.

इजरायली तकनीक से आम की क्वालिटी बेहतर

उमंग गुप्ता ने आगे बताया कि इजरायली तकनीक तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित है. इसमें पहले पेड़ों की छंटाई, दूसरा पेड़ों की जमीन और पेड़ों की सभी जरूरत को पूरा करना. ताकि, पेड़ और जमीन को पूरा पोषण मिल सके. वहीं, तीसरा आमों की बैगिंग करना है. ये तीन महत्वपूर्ण बिंदु ही इजरायली तकनीक हैं, जिसे विदेशों में भी अपनाकर आमों को बेहतर बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इजरायली तकनीक से आम की क्वालिटी अच्छी होती है, जिस वजह से इसकी कीमत ज्यादा होती है. जबकि, सामान्य दशहरी सस्ता बिकता है. दशहरी दो दिन भी नहीं चल पाता है, जबकि इजरायली तकनीक से उगाया गया आम 15 से 20 दिन तक चल सकता है.

एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी आम

मलिहाबाद के रहने वाले उमंग गुप्ता बताते हैं कि इसको एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी नाम इसलिए दिया गया क्योंकि, इजरायली तकनीक से जो दशहरी आम होता है.

इजरायली तकनीक पर दशहरी आम की पैदावार करने वाले उमंग गुप्ता और सुनील गुप्ता.

इस पर एक भी दाग धब्बा नहीं होता है. यह अपने आकार से 25 फीसदी बड़ा होता है. काफी मोटा होता है और खाने में काफी स्वादिष्ट होता है. यही नहीं यह दूधिया रंग का होता है. इसलिए इसका नाम एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी रखा गया है.

इस साल 10 लाख दर्जन आम की होगी पैदावार

इजरायली तकनीक पर बीते 3 सालों से खेती करने वाले उमंग ने बताया कि पिछले साल तीन से चार लाख रुपये का मुनाफा हुआ था. जबकि पहले सिर्फ एक लाख रुपये का ही मुनाफा होता था. इस साल यह मुनाफा पांच लाख रुपये के भी ऊपर जाने का अंदाजा है. उन्होंने बताया कि इजरायली तकनीक से पिछले साल 20 हजार दर्जन आम की पैदावार हुई थी. इस बार 10 लाख दर्जन आम होगा. एक दर्जन आम पिछली बार 400 रुपये प्रति दर्जन के हिसाब से बिका था. इस बार एक दर्जन आम 500 रुपये प्रति दर्जन के हिसाब से बिकेगा. इस साल मुनाफा 5 लाख रुपये के भी ऊपर होने की उम्मीद है.

पोषक तत्वों का भंडार

दरअसल, गर्मी के मौसम में हर किसी को आम का बेसब्री से इंतजार होता है. काट कर खाएं, मैंगो शेक पिएं, अचार, चटनी बनाएं, हर तरह से आम खाने का अपना ही मजा है. पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, कैलोरी, प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन ए, बी6, सी, फोलेट आदि मौजूद होते हैं. 

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