नमो ड्रोन दीदी योजना से जिले के कृषि क्षेत्र में क्रांति आ रही है. महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को भी तेजी से बढ़ावा मिल रहा हैं. सफल और सशक्त महिलाओं की सूची में उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले की महिला ड्रोन दीदी पुष्पा का नाम भी शामिल है, जो आज खुद फील्ड में उतरकर गेहूं के खेतों में नैनो यूरिया (Nano Urea) और सागरिका (Sagarika) उर्वरकों का छिड़काव कर रही हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में महिला किसान पुष्पा ने बताया कि प्रयागराज के नैनी में 2024 में ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था. प्रशिक्षण के बाद 22 मार्च 2024 को भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) के द्वारा एक ड्रोन, एक इलेक्ट्रिक गाड़ी व एक जनरेटर उपलब्ध कराया गया है. यहीं से मेरी जिंदगी बदल गई. अब मैं किसी के ऊपर निर्भर नहीं हूं.
पुष्पा ने बताया कि 15 अगस्त से 2024 से मैंने नैनो यूरिया खाद का छिड़काव शुरू किया था. अब बहुत से किसान अपने खेतों में ड्रोन से छिड़काव करवा रहे है. अभी तक 80 खेतों में नैनो यूरिया का छिड़काव कर चुकी हूं, एक एकड़ खेत में छिड़काव करने पर 250-300 रुपये मिलते हैं. इलाके में ड्रोन दीदी के नाम से मशहूर पुष्पा बताती हैं कि वे गांवों में जाकर ड्रोन से छिड़काव की जानकारी देकर किसानों को जागरूक भी कर रही हैं. लोगों को इसके फायदे भी बताए जा रह हैं.
वहीं, जिला कृषि विभाग संतकबीरनगर के द्वारा समय-समय पर बहुत प्रोत्साहन मिलता रहता है. क्योंकि सरकार की तरफ से ड्रोन से छिड़काव को लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. हम लोग किसानों को तेजी से जागरूक कर रहे है. गनवरिया गांव की रहने वाली पुष्पा ने आगे बताया किे आने वाले वक्त में हमारी आय तेजी से बढ़ेगी. अभी 15 हजार रुपये महीने तक की इनकम हो रही है, जो कुछ दिनों में बढ़कर 25 से 30 हजार रुपये तक हो जाएगी.
उधर, संतकबीरनगर के जिला कृषि अधिकारी डॉ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में गेहूं का कुल रकबा 97 हजार हेक्टेयर है. लगभग 2 लाख के करीब किसान गेहूं की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिले में 2 ड्रोन दीदी पुष्पा और कल्पना हैं. जो किसानों के खेतों में ड्रोन से नैनो यूरिया और सागरिका का छिड़काव कर रही हैं. हम लोग ज्यादा से ज्यादा किसानों को ड्रोन से छिड़काव करवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
डॉ. सिंह ने बताया कि जिले में किसानों के बीच बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. 300 हेक्टेयर रबी और 100 हेक्टेयर मसूर का रकबा है, जहां ड्रोन के माध्यम से ड्रिमोन्स्ट्रेशन करवाना है. ...हम जल्द ही गेहूं और मसूर के खेत में ड्रोन से छिड़काव करवाएंगे. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में 300 रुपये की दर से इन ड्रोन दीदी को भुगतान विभाग के माध्यम से किया जाता है.
फिलहाल आस-पास के गांवों में इन दिनों ड्रोन दीदी पुष्पा की चर्चा छाई हुई है. ड्रोन तकनीक से नैनो उर्वरकों का छिड़काव का काम शुरू कर पुष्पा इस इलाके में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति को आगे बढ़ा रही हैं. साथ ही इस काम के जरिए आत्मनिर्भर बनकर महिला सशक्तिकरण की इबारत भी लिख रही हैं.