
झारखंड में मिट्टी गुणवत्ता की जांच में अब तेजी आएगी. राज्य के हाई स्कूलों में मिट्टी जांच की व्यवस्था के लिए लैब स्थापित की जाएंगी. इसके लिए प्रदेश के 500 स्कूलों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है. भारत सरकार की तरफ से स्कूलों को सॉयल टेस्टिंग लैब उपलब्ध कराई जाएगी. तो वहीं इसके लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे अपनी तथा दूसरे किसानों की जमीन की मिट्टी लाकर लैब में जांच कर किसानों को बता सकेंगे कि उस जगह की मिट्टी कैसी है और वहां कौन से अनाज उपजाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा प्रयोग होगा और आप इसके लिये हमें प्रोजेक्ट तैयार कर भेजें.
झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल और विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक ने कृषि भवन नई दिल्ली में कृषि एवं कल्याण सचिव मनोज आहूजा के साथ मुलाकात की. मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री ने भारत सरकार के कृषि सचिव से कहा कि वर्ष 2022 खरीफ मौसम में कम वर्षा एवं कम बुवाई क्षेत्र के कारण राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था, जिसके लिए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 9682.69 करोड़ों रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है.
कृषि मंत्री ने आग्रह किया कि इसे लेकर आपदा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए यह राशि राज्य के किसानों को दिया जाए, तो सूखा का दंश झेल रहे किसानों के लिए बड़ी राहत होगी. कृषि मंत्री ने भारत सरकार के सचिव से कहा कि राज्य सरकार ने अपनी तरफ से पंजीकृत प्रति किसानों को 3500 रुपए दिए हैं. भारत सरकार के सचिव ने कहा कि इसे लेकर आपदा विभाग के सचिव से वे खुद बात करेंगे.
झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने भारत सरकार के सचिव मनोज आहूजा से मुलाकात करने के बाद बताया कि राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई बिन्दुओं पर बात हुई है. राज्य में सॉयल टेस्टिंग लैब की स्थापना, आत्मा के लिये रिवॉल्विंग फंड एवं प्रोत्साहन बढ़ोतरी सहित सभी बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई है. फसल बीमा योजना से जुड़े तकनीकी पहलू को लेकर भी उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया है.
वहीं विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी की मांग पर भारत सरकार के सचिव ने तुरंत अपने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि झारखंड से इस बार हनी मिशन को लेकर प्रोजेक्ट आए, तो उन्हें जल्द से जल्द अप्रूव कर राशि निर्गत की जाए. भारत सरकार के सचिव ने कहा कि भारत सरकार ने सीड ट्रेकिंग के लिए पोर्टल की व्यवस्था की है, इसे झारखंड में भी जल्द लागू किया जाए. जिससे बाजार में सही बीज का वितरण किया जा सके.