सोनीपत के छात्रों ने तैयार किया कृषि ड्रोन, किसानों के बजट के हिसाब से होगी कीमत

सोनीपत के छात्रों ने तैयार किया कृषि ड्रोन, किसानों के बजट के हिसाब से होगी कीमत

आजकल देश के किसानों को परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीकी खेती से जोड़ा जा रहा है. इससे किसानों का उत्पादन बढ़ा है और कमाई भी बढ़ी है. हालांकि जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे फसल में बीमारियों का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है.

छात्रों ने बनाया सस्ता कृषि ड्रोन                फोटोः किसान तकछात्रों ने बनाया सस्ता कृषि ड्रोन फोटोः किसान तक
पवन राठी
  • Noida,
  • Sep 22, 2023,
  • Updated Sep 22, 2023, 6:20 PM IST

देश में कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन को लेकर काफी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और इसे हर किसान तक पहंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही नए ड्रोन भी बनाए जा रहे हैं. इसके तहत सोनीपत के मुरथल में स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीन छात्र छात्राओं ने विज्ञान की सहायता से कृषि के क्षेत्र में एक और मुकाम हासिल करने में सफलता पाई है. विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले वंश तरुण और सुहाना नाम के छात्रों ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो की भविष्य में कृषि के क्षेत्र में बड़ा लाभकारी साबित होगा जिस पर अभी भी विश्वविद्यालय के तीनों छात्र लगातार कम कर रहे हैं, और इसकी तकनीक को और बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन भी इनका साथ दे रहा है. 

गौरतलब है कि आजकल देश के किसानों को परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीकी खेती से जोड़ा जा रहा है. इससे किसानों का उत्पादन बढ़ा है और कमाई भी बढ़ी है. हालांकि जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे फसल में बीमारियों का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है. जिसको देखते हुए सोनीपत के मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीन छात्रों ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो की अन्य ड्रोनों से कम लागत में तैयार किया गया है. इस ड्रोन से कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की उम्मीद जताई जा रही है.

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फसलों को रोगों से बचाने में होगा कारगर 

यह ड्रोन रोबोटिक तकनीक पर काम करेगा और फसलों के खराब होने और पेड़ों के पत्ते क्यों खराब हो रहे हैं इस पर अपने आप गहन चिंतन करेगा और बाद में एक डाटा तैयार करेगा जिससे किसान को फसल खराबी और पेड़ों के पत्तों में क्या कमी है इसके बारे में पता लग जाएगा. ड्रोन की इस खासियत को देखते हुए विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रकाश सिंह भी छात्रों की मेहनत की तारीफ कर रहे हैं. यही कारण है कि इस ड्रोन को और भी अच्छे से तैयार करने के लिए बजट में इजाफा किया गया है. वॉइस चांसलर का कहना है कि इससे कृषि के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुडेगा और किसानों अपनी फसलों को खराब होने से बचाया जा सकेगा. 

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किसानों के बजट के हिसाब से होगी कीमत

इस ड्रोन को बनाने वाले छात्र तरुण और वंश का कहना है कि कृषि के क्षेत्र में काम करने के लिए उन्होंने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो कि कम लागत में तैयार होगा. आजकल मार्केट में लाखो रुपए से ज्यादा का ड्रोन मिल रहा है जो किसान की पहुंच से बाहर है. किसानों की इस परेशानी को देखते हुए किसानों की बजट के अनुरुप हमने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो कि केवल 20 हजार रुपए से पांच हजार रुपए में तैयार किया जा सकता है. तरुण ने कहा कि  हमने जो अभी ड्रोन बनाया है उसको बनाने में लगभग 20000 रुपये की राशि खर्च हुई है. इसके कुछ पार्ट हमने बाहर से मंगाए हैं, जबकि कुछ पार्ट हमने खुद ही तैयार किए हैं. अभी यह ड्रोन 10 मिनट की समय सीमा ही हवा में तय कर सकता है और इसमें हम जीपीएस सिस्टम भी लगा रहे हैं जो की इस ड्रोन को और भी प्रभावशाली बनाएगा. 

 

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