जिस बात पर पिछले काफी समय से चर्चा थी, वह सच साबित हुई. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रतिष्ठित मुंबई नॉर्थ सेंट्रल की सीट से मौजूदा लोकसभा सांसद पूनम महाजन को इन लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार के तौर पर नहीं चुना है. पूनम की जगह पार्टी ने प्रसिद्ध वकील उज्ज्वल निकम को इस सीट से मैदान में उतारा है. काफी दिनों से इस बात की चर्चाएं गरम थीं कि पार्टी पूनम के काम से नाखुश है और इस बार वह कोई बड़ा फैसला कर सकती है. पार्टी के लोकप्रिय नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम साल 2014 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. उस समय उन्होंने कांग्रेस की नेता प्रिया दत्त को हराया था. प्रिया, बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की बहन और कांग्रेस के सांसद रहे स्वर्गीय सुनील दत्त की बेटी हैं.
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल वह सीट है जो बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के तहत आती है और पार्टी को मिली है. सूत्रों की मानें तो पार्टी इस क्षेत्र से सत्ता विरोधी लहर और सीट पर बदले राजनीतिक समीकरण से अच्छे से वाकिफ थी. तब से ही खबरें थीं कि पार्टी अब पूनम की जगह पर किसी नए चेहरे की तलाश कर सकती है. पूनम ने साल 2014 और 2019 में पार्टी के लिए यहां से सीट जीती थी. महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है.
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गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग विवाद में फंसी सात सीटों में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल की सीट भी शामिल थी. लेकिन यह सीट बीजेपी की झोली में चली गई. बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा में देरी की गई थी. कहा गया था कि यह देरी इस बात का संकेत था कि पार्टी वैकल्पिक उम्मीदवार खोजने पर गंभीरता से विचार कर रही थी. पार्टी के कई नेता भी पूनम को फिर से मैदान में उतारने में हिचकिचा रहे थे. पूनम को लेकर यहां पर सत्ता विरोधी लहर थी. इसके अलावा शिवसेना में बंटवारे के बाद यहां के बदले हुए राजनीतिक समीकरण' के कारण बीजेपी को कमजोर होने का डर भी सता रहा था.
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71 साल के निकम कानूनी क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम हैं. वह 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में सरकारी वकील थे. इसके अलावा निकम ने साल 2006 में प्रमोद महाजन की हत्या का मामला भी संभाला था. 43 साल की पूनम बीजेपी की यूथ विंग की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. कई लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी के अंदर हुए सर्वे उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में नहीं थे. खासकर बतौर सांसद भी उनका रिकॉर्ड उनके खिलाफ गया. कुछ रिपोर्टों से पता चला कि पार्टी में पूनम को लेकर असमंजस की स्थिति थी. इसलिए भी ऐलान में देरी हुई. सूत्रों ने बताया कि एक गुट पूनम को मैदान में उतारना चाहता था तो दूसरा गुट इसके खिलाफ था.
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दिवंगत बीजेपी लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की बेटी, पूनम ने 2014 और 2019 दोनों में क्रमशः 39.55 फीसदी और 53.97 फीसदी वोटों के साथ मुंबई उत्तर मध्य में आराम से जीत हासिल की. 1952 में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल अस्तित्व में आई थी. तब से ही यह एक हाई प्रोफाइल सीट रही है. यहां से कई दिग्गजों ने चुनाव लड़ा है. सन् 1973 में, अनुभवी सीपीआई नेता रोजा देशपांडे ने सीट जीती. सन् 1972 में, बहुत सम्मानित सीपीआई नेता अहिल्या रंगनेकर यहां से विजेता थीं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री मधु दंडवते की पत्नी, जनता पार्टी की प्रमिला दंडवते ने 1980 में जीत हासिल की.
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सन् 1980 और 1990 के दशक के दौरान मुंबई में शिवसेना की ताकत बढ़ने के साथ, इसके उम्मीदवारों विद्याधर गोखले और नारायण अठावले ने सन् 1989 और 1996 में सीट जीती. सन् 1998 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले इस सीट से जीते थे. फिर 1999 में शिवसेना के पूर्व सीएम और लोकसभा स्पीकर मनोहर जोशी विजेता रहे. सन् 2004 में यह सीट कांग्रेस के राज्य मंत्री एकनाथ गायकवाड़ ने जीती थी.