UP News: गन्ना पेराई सीजन 2024-25 के लिए गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी, छोटे किसानों को भी मिलेगी प्राथमिकता

UP News: गन्ना पेराई सीजन 2024-25 के लिए गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी, छोटे किसानों को भी मिलेगी प्राथमिकता

गन्ना समितियों के नए सदस्य जो नियमानुसार 30 सितम्बर 2024 तक बनाये जाएगें, उन्हें पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा दी जाएगी. गन्ने की खेती में उत्पादकता बढ़ाने एवं जल संरक्षण की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से सिंचाई करने वाले गन्ना कृषकों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी गयी है.

गन्ना पेराई सीजन 2024-25 के गन्ना आपूर्ति नीति जारी (सांकेतिक तस्वीर)गन्ना पेराई सीजन 2024-25 के गन्ना आपूर्ति नीति जारी (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 12, 2024,
  • Updated Sep 12, 2024, 5:56 PM IST

गन्ना किसानों के कल्याण और विकास को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेराई सत्र-2024-25 के लिए गन्ने के सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गयी है. यूपी के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में गन्ना किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा गया है. इसी कड़ी में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए जारी गन्ने के सट्टा एवं आपूर्ति नीति में गन्ना किसानों के लिए विभिन्न प्रकार के सुविधाजनक और लाभकारी प्रावधान किए गये हैं.  

चौधरी ने बताया कि पहली बार गन्ना समिति के नए किसान सदस्यों का सट्टा पेराई सत्र 2023-24 में संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 65 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो, की सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ दिया जायेगा. पहली बार नए समिति सदस्यों, जिनके पास पेड़ी अथवा शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां 6वें पक्ष में लगायी जायेंगी और जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां 7वें पक्ष में लगायी जायेंगी. गन्ना समिति के 30 सितम्बर, 2024 तक बनाये गये नए सदस्यों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों की जांच कर नियमानुसार सदस्यता दिलाते हुए, उनका सट्टा बनाते हुए 15 नवम्बर तक अंतिम कैलेंडर लाईव कर दिया जायेगा. 

ये भी पढ़ेंः बकरी, मुर्गी और मछलीपालन से मोटी कमाई कर सकते हैं किसान, पशु मेला में टिप्स बताएंगे कृषि वैज्ञानिक 

छोटे किसानों को भी किया जाएगा शामिल

चौधरी ने बताया कि गन्ना समितियों के नए सदस्य जो नियमानुसार 30 सितम्बर 2024 तक बनाये जाएगें, उन्हें पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा दी जाएगी. गन्ना आपूर्ति नीति में छोटे गन्ना किसानों की आपूर्ति को देखते हुए 72 क्विंटल तक के सट्टा धारक गन्ना किसानों को छोटे कृषक की श्रेणी में शामिल करते हुए छोटे गन्ना किसानों की पेड़ी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 09 पक्ष में जारी की जायेंगी. प्रथम बार छोटे गन्ना किसानों, जिनका सट्टा 36 क्विंटल तक है, की पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रथम पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में जारी किए जाने की विशेष सुविधा दिया जाना अनिवार्य किया गया है.

ड्रिप इरिगेशन वाले किसानों को मिलेगी प्राथमिकता

चौधरी ने बताया कि गन्ने की खेती में उत्पादकता बढ़ाने एवं जल संरक्षण की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से सिंचाई करने वाले गन्ना कृषकों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी गयी है. परन्तु अतिरिक्त सट्टे में अस्वीकृत किस्मों के गन्ने को शामिल नहीं किया जायेगा. पहली बार किसानों के कल्याण को देखते हुए  अतिरिक्त बॉन्डिंग पेड़ी एवं शरदकालीन पौधाधारक किसानों को 6वें पक्ष से अतिरिक्त बान्डिंग की सुविधा दी जायेगी. अतिरिक्त सट्टे  की सुविधा गन्ना किसानों को मुफ्त में दी जाएगी जायेगी.

यांत्रिक गन्ना कटाई की मिली अनुमति 

चौधरी ने बताया कि सट्टा नीति में पहली बार नए प्रयोग के तहत नई तकनीक का उपयोग करते हुए यांत्रिक गन्ना कटाई की अनुमति प्रदान की गयी है. इसमें जो चीनी मिल अपने क्षेत्र में यांत्रिक गन्ना कटाई को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारम्भ करना चाहती हैं, वह इस संबंध में चीनी मिल यांत्रिक गन्ना कटाई से संबंधित बिन्दुओं यथा-यांत्रिक गन्ना कटाई दर एवं वाह्य सामग्री आदि पर इच्छुक कृषकों से सहमति प्राप्त करने के उपरांत केन इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी के विचारार्थ प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी, जिस पर केन इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी द्वारा संबंधित सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिव से आवश्यक विचार-विमर्श कर यांत्रिक गन्ना कटाई के संबंध में निर्णय लिया जायेगा.

ये भी पढ़ेंः प्राकृतिक तरीके से केले की खेती ने बदली किसान की तकदीर, सिर्फ एक एकड़ खेत से कमाते हैं 4 लाख रुपये

किसानों के लिए टॉल फ्री नंबर

चौधरी ने बताया कि कृषकों को शिकायत निवारण प्रणाली के अन्तर्गत बेहतर सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्यालय स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है जिसमें स्थापित टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर किसान सीधे अपनी शिकायतें दर्ज कराकर समाधान करा सकते हैं. गन्ना विकास विभाग पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिलों को समय पर एवं सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु समुचित व्यवस्था कर रहा है, जिससे गन्ना कृषकों को पेराई सत्र के दौरान आने वाली असुविधाओं का सामना न करना पड़े.

 

MORE NEWS

Read more!