यूपी: कई इलाकों में बारिश-ओले से फसलों का भारी नुकसान, इन पांच जिलों में सबसे बुरा हाल

यूपी: कई इलाकों में बारिश-ओले से फसलों का भारी नुकसान, इन पांच जिलों में सबसे बुरा हाल

तराई क्षेत्र पीलीभीत के किसानों पर इन दिनों बारिश आफत बन कर टूट रही है. बीते दो दिनों से लगातार बरसात हो रही है, जिससे गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है. ये फसल 15 दिन बाद कटने वाली थी. बारिश होने से कटाई कम से एक महीना लेट हो गई है जिससे गेहूं के पैदावार में भारी कमी आएगी.

उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश और ओले से फसलों का भारी नुकसान हुआ है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 21, 2023,
  • Updated Mar 21, 2023, 7:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि ने तबाही मचा रखी है. गेहूं, चना और सरसों के अलावा कई फसलों का भारी नुकसान हुआ है. अब किसान फसलों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. अभी हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुआवजे का ऐलान किया था. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद फसलों का सर्वे किया जा रहा है. जिन जिलों में फसलों का नुकसान हुआ है, उनमें बाराबंकी, लखीमपुर, झांसी, सहारनपुर, बरेली, बिजनौर के नाम प्रमुख हैं. इन जिलों में बारिश और ओले से फसलों का भारी नुकसान हुआ है.

बरेली

बरेली में बेमौसम बरसात से किसानों की  फसल पानी में खराब हो गई. किसान जैसे-तैसे कड़ी मेहनत के बाद अपने खेतों में अनाज उगा रहे थे. मगर बेमौसम बरसात उनके खेतों पर कहर की तरह बरसी. रविवार और सोमवार को बेमौसम बरसात की वजह से किसानों की खड़ी फसल खराब होने की कगार पर है. बर्बाद हो चुकी फसल के बारे में अपनी दर्द भरी दास्तां बताते हुए किसानों की आंखें भर आईं. 

कई किसानों ऐसे हैं जिन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी. लेकिन बेमौसम बरसात ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. किसान इस बात से परेशान हैं कि अब वे अपना कर्ज कैसे चुकाएंगे. क्षेत्र में बरसात के कारण हुई फसल नुकसान का सर्वे करने के लिए प्रशासन ने आदेश जारी किया है.

पीलीभीत

तराई क्षेत्र पीलीभीत के किसानों पर इन दिनों बारिश आफत बन कर टूट रही है. बीते दो दिनों से लगातार बरसात हो रही है, जिससे गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है. ये फसल 15 दिन बाद कटने वाली थी. बारिश होने से कटाई कम से एक महीना लेट हो गई है जिससे गेहूं के पैदावार में भारी कमी आएगी. बरसात से होने वाले नुकसान का सर्वे करने लिए पीलीभीत जिला अधिकारी ने टीम गठित कर दी है.

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झांसी

ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के अवशेष लेकर मंगलवार को किसान कलक्ट्रेट पहुंचे. किसानों ने कहा कि खेतों में अब कुछ नहीं बचा है. महीनों की मेहनत पर कुदरत ने कुछ ही घंटों में पानी फेर दिया है. किसानों ने प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग की है. इसके बाद जिलाधिकारी ने फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा राशि दिलाए जाने का आश्वासन दिया है. झांसी में कई घंटों तक हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने जिले के कई गांवों में भारी तबाही मचाई है. कई गांवों में किसान खराब फसलों के अवशेष लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने बताया कि गेहूं, चना, राई की फसल बुरी तरह से बर्बाद हो गई है. ज्यादातर फसलें खेतों में बिछ गईं हैं. उनकी मेहनत के साथ-साथ लागत तक बर्बाद हो गई है. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. 

सहारनपुर

सहारनपुर में लगातार हुई तेज बारिश ने किसानों के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. उनके खेतों में लहलहाती गेहूं की फसल ज़मीन पर बिछ गई है. अब किसानों को अपनी फसल से लागत भी वापस मिलने की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है. किसानों का कहना है कि रात भर पानी पड़ता रहा और कुछ पानी पहले से ही खेतों में लगा हुआ था. इसके बाद हवा चली और खेतों में सारे पौधे लेट गए. अब इन पौधों से जरा भी पैदावार मिलने की उम्मीद नहीं है.

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बिजनौर

बिजनौर में देर रात से लगातार हो रही बारिश के चलते जहां शहर की सड़कों और गलियों में पानी भर गया है, तो वही गेहूं की फसल के साथ-साथ दलहन और तिलहन का भारी नुकसान हुआ है. तेज हवा के कारण गेहूं की फसल खेतों में गिर गई है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि बारिश ने उनकी पकी फसल को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है और यह उनके लिए बड़ा नुकसान है. किसानों का कहना है कि दलहन और तिलहन दोनों तरह की फसलों का भारी नुकसान हुआ है. अब वे सरकार से मुआपजे की मांग कर रहे हैं.

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