भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) वाराणसी में एग्री बिज़नेस इनक्यूबेटर (एबीआई) एवं जोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई (जेडटीएमयू) के तहत दलहनी सब्जियों पर उन्नत प्रजाति की रोग मुक्त सब्जियों के प्रदर्शन के लिए संस्थान ने शुक्रवार को 'लेग्युम फील्ड डे' का सफल आयोजन किया गया. इसमें सब्जी बीज उत्पादक और निर्यातक कंपनियों के प्रतिनिधियों के सामने सब्जियों को प्रदर्शित किया गया. संस्थान द्वारा विकसित दलहनी सब्जियों जैसे सब्जी मटर, फ्रेंच बीन, सेम, पंखिया सेम, बाकला एवं वेलवेट बीन की नवीनतम किस्मों, नवीनतम उत्पादन तकनीकों का प्रदर्शन किया गया. इसमें 50 निर्यातक कंपनी और किसान उत्पादक संगठनों को आमंत्रित किया गया. बीजों के गुणों और उत्पादन क्षमता के बारे में संस्थान के वैज्ञानिक जानकारी दिया. इसके बाद कंपनियों के साथ नियम और शर्तों के साथ करारनामे पर हस्ताक्षर के बाद बीज कंपनिया देश- विदेश के किसानों तक भेज सकेंगी.
संस्थान के कार्यकारी निदेशक एवं प्रोग्राम लीडर डॉ नागेंद्र राय ने बताया कि दलहनी सब्जियों पोषण गुनों से भरपूर होती है तथा हमारे दैनिक जीवन में प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाती है. संस्थान द्वारा विकसित मटर एवं लोबिया की किस्में देश भर में लोकप्रिय है जिनकी बीज की मांग निरंतर बनी रहती है.
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्थान द्वारा विकसित सेम की जलवायु अनुकूल प्रजाति काशी बौनी सेम-207 को देश के किसानों को समर्पित किया है.
डॉ राय कहते हैं कि संस्थान ने बीते वर्षों में दलहनी सब्जियों की अनेक उन्नत किस्में जैसे सब्जी मटर में काशी पूर्वी, काशी तृप्ति, काशी नंदिनी, काशी उदय, काशी अगेती, काशी मुक्ति एवं काशी सम्ब्रिधी, लोबिया की काशी विशान, काशी निधि, काशी कंचन, काशी उन्नति, काशी श्यामल एवं काशी गौरी, फ्रेंचबीन की काशी राजहंस, काशी संपन्न, काशी अग्रिम एवं काशी बैगनी; सेम की काशी खुसाल, काशी शीतल एवं काशी गौरी आदि प्रमुख प्रजातियां विकसित की गयी है.
आईआईवीआर के निदेशक डॉ नागेंद्र राय ने बताया कि बीते वर्ष संस्थान द्वारा पंखिया सेम की उच्च गुणवक्ता युक्त उत्तर प्रदेश राज्य की प्रथम प्रजाति काशी अन्नपूर्णा भी विकसित किया है जो किसानों के बीच से ज्यादा डिमांड हो रही है. प्रधान वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम आयोजक डॉ राकेश कुमार दुबे बताया कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के माध्यम से संस्थान में स्थित एबी आई- जेडटीएमयू बनेर तले देश भर के किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में निजी बीज कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि और प्रगतिशील किसान शामिल हुए.
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार दुबे ने संस्थान द्वारा विकसित दलहनी सब्जियों की उन्नत किस्मों एवं तकनीकों का विस्तार से बताया. इस अवसर पर कलश सीड्स, न्यू हॉलैंड सीड्स, रोहित हाइब्रिड सीड्स, ग्रो-काशी सीड्स, तुहुम बायोटेक सीड्स समेत अग्रिमित्रा, काशिराज, रुद्राक्षी एवं विन्धभूमि सहित विभिन्न बीज कंपनियों और एफपीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस अवसर पर टमाटर की किस्म 'काशी अमन' का लाइसेंस हैदराबाद की कंपनी हरलाल सीड्स को दिया गया.
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