देशभर में कई राज्यों में एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद अभी चल रही है. लेकिन कुल खरीद 30 मिलियन टन (300 लाख टन) से कम रहने का अनुमान है. दरअसल, तीन प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में खरीद प्रक्रिया बंद हो चुकी है और उत्तर प्रदेश में चल रही खरीद में अब कोई खास बढ़त होने के आसार नहीं हैं. यूपी में भी जून में प्रक्रिया बंद हो जाएगी. इस साल देशभर में 25 मई तक 29.78 मिलियन टन गेहूं की खरीद दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल 26.27 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद दर्ज की गई थी. यह खरीद पिछले साल के मुकाबले 13.4 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि पिछले चार सालों में भी सबसे ज्यादा है.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस बार किसानों ने सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने में ज्यादा रुचि दिखाई, क्योंकि दोनों राज्य सरकारों ने 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा बोनस क्रमश: 175 रुपये प्रति क्विंटल और 150 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान भी किया. वहीं, अब उम्मीद की जा रही है कि कृषि मंत्रालय जल्द ही फसलों का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर सकता है. इससे पहले इसने मार्च में दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया था, जिसमें गेहूं का उत्पादन 115.43 मिलियन टन रहने का अनुमान जारी किया था. हालांकि, तीसरे अनुमान में सरकार इसे संशोधित कर 117 मिलियन टन से ज्यादा कर सकती है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में तय अवधि 1 अप्रैल से 15 मई तक खरीद चली. पंजाब सरकार का अनुमान था कि राज्य में 18 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होगा. इसलिए उसने केंद्र को 12.4 मिलियन गेहूं खरीद की योजना की जानकारी दी थी, लेकिन खरीद इस आंकड़े काे नहीं छू पाई और 11.93 मिलियन टन पर रह गई. हालांकि, खरीद एजेंसियों के मुताबिक 13.01 मिलियन टन गेहूं की आवक दर्ज की गई.
यह भी पढ़ें - Covid: खेती-बाड़ी से लेकर मंडी में बिक्री तक, कोविड ने किसानों की बढ़ाई टेंशन
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पंजाब में निजी व्यापारियों/प्रोसेसर्स ने गेहूं की काफी मात्रा में खरीद की है, जो पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा है. इसके अलावा हरियाणा में इस सीजन में खरीद 7.14 मिलियन टन खरीद की गई, जो पिछले साल 7.15 मिलियन टन थी. हालांकि, हरियाणा सरकार ने केंद्र को 7.5 मिलियन टन गेहूं खरीदने के लक्ष्य की जानकारी दी थी, लेकिन यह अधूरा रहा गया. वहीं, मध्य प्रदेश में खरीद लक्ष्य को संशोधित कर 8 मिलियन टन किया गया था, जिसके मुकाबले 7.78 मिलियन टन खरीद रिकार्ड की गई. पिछले साल 4.84 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया था.
वहीं, राजस्थान में 25 मई तक 2.7 मिलियन टन गेहूं की आवक हुई, जबकि खरीद सिर्फ 1.88 मिलियन टन दर्ज की गई. हालांकि, इस साल खरीद में बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले साल 1.21 मिलियन टन थी. उत्तर प्रदेश में भी मार्च से खरीद चल रही है और 3 मिलियन टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन राज्य ने केंद्र को 25 मई तक 1.02 मिलियन टन खरीद जानकारी दी है. हालांकि, पिछले साल भी समान अवधि में खरीद बहुत ज्यादा नहीं थी. यह 0.92 मिलियन टन थी.