दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में बृहस्पतिवार से 35 रुपये किलो के रियायती भाव पर प्याज की बिक्री शुरू हो गई है. इसकी महंगाई कम करने के लिए सरकार अगले एक सप्ताह में कोलकाता, गुवाहाटी, हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलोर, अहमदाबाद, रायपुर और भुवनेश्वर में भी सस्ता प्याज बेचना शुरू कर देगी. सितंबर के तीसरे सप्ताह तक पूरे भारत में बिक्री शुरू हो जाएगी. केंद्र सरकार के पास 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है, जिसके भरोसे प्याज को सस्ता करने की मुहिम शुरू की गई है, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिले. उधर, किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी लगभग 38 लाख टन प्याज के भंडारण की सरकार के पास सूचना है.
इसके साथ ही सरकार यह मानकर चल रही है कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता अच्छी रहेगी और कीमतों पर नियंत्रण बना रहेगा. क्योंकि खरीफ बुवाई क्षेत्र में 26 अगस्त, 2024 तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 102 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. कृषि विभाग के अनुसार, इस तारीख तक खरीफ प्याज सीजन के तहत 2.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 1.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही रोपाई हुई थी.
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उधर, बृहस्पतिवार को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन से नेफेड और नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) के उन मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जिनके माध्यम से सस्ता प्याज बेचा जाएगा. इस मौके पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि खाने-पीने की चीजों की महंगाई कम करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. सस्ते रेट पर प्याज की बिक्री से देश भर के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. सस्ते प्याज की बिक्री एनसीसीएफ, नेफेड के आउटलेट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, केंद्रीय भंडार और सफल की दुकानों पर भी होगी.
जोशी ने बताया कि केंद्र सरकार देश भर के 550 केंद्रों के जरिए प्याज सहित 38 वस्तुओं की कीमतों की रोजाना निगरानी कर रही है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्रमुख रबी प्याज उत्पादक क्षेत्रों में किसानों और किसान संघों से बफर स्टॉक के लिए प्याज खरीदा गया था. प्याज के लिए भुगतान किसानों के बैंक खातों में सीधे किया गया है. इस रबी सीजन के दौरान प्याज किसानों ने पहले से अच्छा दाम लिया है. क्योंकि मंडी मॉडल मूल्य पिछले वर्ष यानी 2023 में 693 से 1,205 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि इस साल दाम 1,230 से 2,578 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा है.
इसी तरह, इस वर्ष औसत बफर खरीद मूल्य पिछले वर्ष 1,724 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 2,833 रुपये प्रति क्विंटल रहा है. बफर के लिए स्टोर करने योग्य प्याज की खरीद की जाती है. उपभोक्ता मामले विभाग प्याज की फसल की उपलब्धता और कीमतों पर कड़ी नजर रख रहा है, ताकि उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हित में आवश्यक कदम उठाए जा सकें. सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज़ उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी.
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