UP News: दुबई से लेकर जर्मनी तक बढ़ा यूपी के 'काला नमक' का क्रेज, सामने आए आंकड़े

UP News: दुबई से लेकर जर्मनी तक बढ़ा यूपी के 'काला नमक' का क्रेज, सामने आए आंकड़े

काला नमक दुनिया का एक मात्र प्राकृतिक चावल है जिसमें वीटा कैरोटिन के रूप में विटामिन 'A' उपलब्ध है. अन्य चावलों की तुलना में इसमें प्रोटीन और जिंक की मात्रा अधिक होती है.

 इस तरह यह शुगर के रोगियों के लिए भी बाकी चावलों की अपेक्षा बेहतर है. इस तरह यह शुगर के रोगियों के लिए भी बाकी चावलों की अपेक्षा बेहतर है.
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jul 27, 2023,
  • Updated Jul 27, 2023, 12:37 PM IST

उत्तर प्रदेश से निकलकर काला नमक चावल देश-दुनिया के लोगों की जुबान को अपना दीवाना बना रहा है. अपनी खास सुगंध और स्वाद के दम पर काला नमक धान का चावल देश में ही नहीं, विदेश में भी लोगों की जुबान पर छा रहा है. काला नमक धान के चावल का क्रेज विदेशों में भी लगातार बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा इसे सिद्धार्थनगर का एक जिला एक उत्पाद (ODOP) घोषित करने के साथ इसकी खूबियों की जबरदस्त ब्रांडिग के नाते तीन साल में इसके निर्यात में तीन गुने से अधिक की वृद्धि हुई है.

राज्यसभा में 17 दिसंबर 2021 को दिए गए आंकड़ों के अनुसार 2019/2020 में इसका निर्यात 2 फीसद था. अगले साल यह बढ़कर 4 फीसद हो गया. 2021/2022 में यह 7 फीसद रहा. काला नमक धान को केंद्र में रखकर पिछले दो दशक से काम कर रही गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ (पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन) के चेयरमैन डॉ. आरसी चौधरी के अनुसार पिछले दो वर्षो के दौरान उनकी संस्था ने सिंगापुर को 55 टन और नेपाल को 10 टन काला नमक चावल का निर्यात किया. इन दोनों देशों से अब भी लगातार मांग आ रही है. इसके अलावा कुछ मात्रा में दुबई और जर्मनी को भी इसका निर्यात हुआ है. पीआरडीएफ के अलावा भी कई संस्थाएं काला नमक चावल के निर्यात में लगी हैं.

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उल्लेखनीय है की स्वाद, खुश्बू और पोषण से भरपूर कालानमक धान को भगवान बुद्ध का प्रसाद माना जाता है. सिद्धार्थनगर का ओडीओपी होने के साथ इसे जीआई टैग भी हासिल है. इस सबके नाते यह भविष्य में निर्यात के मामले में बासमती को टक्कर दे सकता है.

एक नजर में काला नमक की खूबियां

काला नमक दुनिया का एक मात्र प्राकृतिक चावल है जिसमें वीटा कैरोटिन के रूप में विटामिन 'A' उपलब्ध है. अन्य चावलों की तुलना में इसमें प्रोटीन और जिंक की मात्रा अधिक होती है. जिंक दिमाग के लिए और प्रोटीन हर उम्र में शरीर के विकास के लिए जरूरी होता है. इसका ग्लाईसेमिक इंडेक्स कम (49 से 52%) होता है. इस तरह यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी बाकी चावलो की अपेक्षा बेहतर है.

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इससे पहले करीब आधा एकड़ रकबे में काला नमक किरन की रोपाई हुई. इसकी नर्सरी गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ ने गोरखपुर में तैयार करवाई थी.

ODOP में भी शामिल है काला नमक

उल्लेखनीय है कि काला नमक धान को भगवान गौतम बुद्ध का प्रसाद माना जाता है। स्वाद, सुगंध एक पोषक तत्त्वों के लिहाज से बेमिसाल यह धान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के तहत बुद्ध से जुड़े सिद्धार्थनगर जिले का ओडीओपी भी है. 

पूर्वांचल के करीब एक दर्जन जिलों के लिए जीआई टैग 

यही नहीं इसे समान कृषि जलवायु वाले पूर्वांचल के करीब एक दर्जन जिले के लिए जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) भी प्राप्त है. राजभवन में रोपी गई प्रजाति काला नमक की लेटेस्ट प्रजाति है. पीआरडीएफ के चेयरमैन डॉक्टर आरसी चौधरी एवम राजभवन के उद्यान अधीक्षक डॉक्टर डी के मिश्रा ने बताया कि नर्सरी पूरी तरह जैविक है. इसमें अब तक सिर्फ बिजामृत और जीववामृत का ही प्रयोग किया गया है. आगे भी इसमें जरूरत के अनुसार खाद और कीटनाशक के रूप में सिर्फ जैविक उत्पादों का ही प्रयोग होगा.

 

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