आजकल लोग स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग हो गए हैं और इसी कारण जैविक यानी ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऑर्गेनिक खेती न सिर्फ सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, बल्कि पर्यावरण के लिहाज़ से भी फायदेमंद है. 2025 में कुछ ऐसी फसलें हैं जिनकी ऑर्गेनिक रूप में मांग सबसे ज़्यादा देखी जा रही है. आइए जानते हैं कि ये कौन-कौन सी फसलें हैं.
हल्दी को भारतीय रसोई में मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है, लेकिन यह एक औषधीय पौधा भी है. ऑर्गेनिक हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में सूजन कम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है. यही वजह है कि 2025 में इसकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लगातार बढ़ रही है.
अदरक एक ऐसी जड़ है जिसका उपयोग हर घर में होता है, खासकर चाय और आयुर्वेदिक उपचारों में. ऑर्गेनिक अदरक में कोई रसायन या कीटनाशक नहीं होता, जिससे यह शरीर के लिए और भी अधिक फायदेमंद बन जाता है. 2025 में विदेशों में भी इसकी मांग बहुत तेज़ी से बढ़ रही है क्योंकि लोग अब नेचुरल और शुद्ध उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं.
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है. जब इसे जैविक तरीके से उगाया जाता है, तो इसमें पोषक तत्व ज़्यादा रहते हैं और हानिकारक रसायनों का कोई खतरा नहीं होता. 2025 में ऑर्गेनिक गेहूं खासकर उन लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है जो अपने आहार में हेल्दी, केमिकल-फ्री विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. डायबिटीज और एलर्जी से परेशान लोग ऑर्गेनिक गेहूं को अधिक सुरक्षित मानते हैं.
ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग महानगरों और बड़े शहरों में सबसे अधिक देखी जा रही है. लोग अब सीधे फार्म से ताज़ी, बिना कीटनाशकों वाली सब्जियां खरीदना पसंद कर रहे हैं. पालक, टमाटर, लौकी, भिंडी जैसी सब्जियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाना न केवल सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि किसानों के लिए भी मुनाफे का सौदा बन रहा है. 2025 में यह ट्रेंड और भी तेज़ होने की उम्मीद है.
ऑर्गेनिक आम, केला, सेब और अनार जैसे फल अब केवल हेल्थ स्टोर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि होटल इंडस्ट्री, सुपरमार्केट और एक्सपोर्ट मार्केट में भी इनकी भारी मांग देखी जा रही है. इन फलों में स्वाद तो प्राकृतिक होता ही है, साथ ही ये शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाते हैं. 2025 में ऑर्गेनिक फलों का बाजार बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है.
चना, मूंग, अरहर और मसूर जैसी दालों को जब ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है तो वे न सिर्फ अधिक पोषक होती हैं, बल्कि पचने में भी आसान होती हैं. 2025 में खासकर शहरों के लोगों के बीच इन दालों की मांग काफी बढ़ चुकी है. विदेशों में भारतीय ऑर्गेनिक दालों का निर्यात भी बढ़ा है, जिससे यह फसल किसानों के लिए लाभदायक बन रही है.
2025 में ऑर्गेनिक फसलों की मांग केवल ट्रेंड नहीं, बल्कि ज़रूरत बनती जा रही है. जैसे-जैसे लोग रसायन मुक्त और शुद्ध भोजन की ओर बढ़ रहे हैं, ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के लिए बड़े मौके सामने आ रहे हैं. ऊपर बताई गई फसलें आने वाले समय में खेती के नए आयाम खोल सकती हैं और किसानों की आमदनी को भी बढ़ा सकती हैं.
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