Paddy Crop: आपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे गर्दन तोड़ रोग, इस तरीके से करें बचाव

Paddy Crop: आपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे गर्दन तोड़ रोग, इस तरीके से करें बचाव

खेती के हर चरण में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप होता है. ऐसे में धान की फसल में भी कई रोग लगने लगते हैं. इसके लिए हरियाणा सरकार भी किसानों की मदद कर रही है. सरकार ने धान की फसल में लगने वाले रोग से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.

आपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे गर्दन तोड़ रोगआपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे गर्दन तोड़ रोग
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 10, 2023,
  • Updated Sep 10, 2023, 4:28 PM IST

धान की फसल में बालियां और दाने बनने लगे हैं. मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण फसलें गर्दन तोड़ (नेक ब्लास्ट) बीमारी की चपेट में आ रही हैं. धान का पौधा सूखने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. पौधा सूखने का सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ेगा. यह बीमारी मौसम में अचानक हुए बदलाव और अधिक नमी के कारण फैलती है. बालियां निकलते समय इस बीमारी के कारण पौधे की गाठें कमजोर हो जाती हैं. वहीं इसके लिए हरियाणा सरकार भी किसानों की मदद कर रही है.

सरकार के कृषि विभाग ने धान की फसल में लगने वाले रोग से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है कि धान में लगने वाले रोग से उसे कैसे बचाया जा सकता है. आइए जानते हैं कौन सा है रोग और उस रोग की कैसे कर सकते हैं रोकथाम.

गर्दन तोड़ रोग के लक्षण

धान की फसल में कई प्रकार के रोग लगते हैं, जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसा ही एक रोग है नेक ब्लास्ट. इस बीमारी की चपेट में आने के बाद धान की पत्तियों पर आंख के आकार के नीले अथवा बैंगनी रंग के अनेक धब्बे बनते हैं. बाद में धब्बों के बीच का भाग चौड़ा और दोनों किनारे लंबे हो जाते हैं. कई धब्बे आपस में मिलकर बड़े आकार के हो जाते हैं और पत्तियों को सूखा देते हैं. वहीं तने की गांठें काली हो जाती हैं.

गर्दन तोड़ बीमारी से रोकथाम

पत्तियों पर बीमारी का एक भी धब्बा दिखाई देते ही छिड़काव के लिए कार्बेंडाजिम 50 डब्ल्यूपी 400 ग्राम या बीम 120 ग्राम को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. बालियों पर 50 प्रतिशत फूल निकलने के समय छिड़काव दोहराएं. इस छिड़काव को दोपहर के बाद करेँ.

किसानों को करनी चाहिए देखरेख

धान की फसल में कई रोग लगने लगते हैं, किसानों को इससे बचने के लिए कई उपाय करने पड़ते हैं. खेती के हर चरण में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप होता है. वहीं, कुछ किसान ऐसे भी हैं जो जानकारी के अभाव में अपनी फसलों की देखभाल नहीं कर पाते हैं और उनकी फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसे ही किसानों के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है.

जानकारी के लिए यहां करें संपर्क

हरियाणा सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर 18001802117 जारी किया है, जहां किसान कॉल करके धान में लगने वाले रोगों के रोकथाम की जानकारी ले सकते हैं. अगर आप भी हरियाणा के किसान हैं तो धान की फसल को रोगों से बचाने के लिए यहां से जानकारी ले सकते हैं.

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