प्याज की निर्यात बंदी के बाद महाराष्ट्र के नासिक जिले में किसान लगातार सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इन दिनों निर्यात बंद होने से सभी मंडियों में प्याज़ की आवक बढ़ने लगी है, इसके चलते कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. जिससे किसान परेशान हैं. कई मंडियों में दाम एक और दो रुपये किलो रहा गया है. हालांकि, अब कुछ मंडियों में दाम में थोड़ा सुधार देखने को मिल रहा है लेकिन अभी भी किसानों को लागत नहीं मिल पा रही है. पिछले 2-3 दिनों में प्याज के मंडी भाव में उछाल आया है. जहां दो दिनों तक बाजार भाव औसतन 900 रुपये प्रति क्विंटल रहा, वहीं अब यह बढ़कर 1,100 रुपये से लेकर 1200 तक प्रति क्विंटल हो गया है.
इस बीच, येवला कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज का दाम 12,00 रुपये क्विंटल रहा. यहां न्यूनतम कीमत 300 रुपये और औसत दाम 1,150 रुपये रहा. हालांकि किसानों का कहना है कि दाम में इतने उछाल से क्या होगा जब उत्पादन लागत 20 रुपये किलो तक पहुंच गई है. जब किसानों को मंडी में 30 रुपये किलो का दाम मिलने लगेगा तब जाकर फायदा मिलना शुरू होगा. अभी जितना दाम मिल रहा है उतने में लागत भी नहीं निकलेगी.
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वर्तमान में खरीफ सीजन का प्याज खेतों से मंडियों में पहुंच रहा है. खरीफ सीजन के प्याज को र नहीं किया जा सकता. क्योंकि इसमें सड़न जल्दी लगती है. इसलिए किसान अपने घर पर ज्यादा दिन तक वर्तमान सीजन में निकल रहे प्याज को नहीं रोक सकते. इसीलिए किसान मजबूर हैं प्याज तुरंत बेचने के लिए. इसीलिए मंडियों में आवक भी बढ़ी हुई है. अभी मार्च तक प्याज एक्सपोर्ट बैन का फैसला वापस होने की उम्मीद नहीं है. इसलिए दाम अभी बढ़ने का अनुमान नहीं है.
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