अक्‍टूबर में लगाएं टमाटर की ये किस्‍में, मिलेगी बंपर पैदावार, फसल में रोग भी नहीं लगेंगे

अक्‍टूबर में लगाएं टमाटर की ये किस्‍में, मिलेगी बंपर पैदावार, फसल में रोग भी नहीं लगेंगे

देश में टमाटर की मांग हमेशा बनी रहती है. कई बार टमाटर के भाव बहुत बढ़ जाते हैं और कीमतें 200 रुपये से भी ज्‍यादा हो जाती हैं. ऐसे में किसानों के लिए टमाटर की फसल काफी लाभदायक हो सकती है. जान‍िए उच्‍च पैदावार देने वाली टमाटर की किस्‍मों के बारे में...

इन किस्‍मों के टमाटर से मिलेगी अच्‍छी पैदावार. (सांकेतिक तस्‍वीर)इन किस्‍मों के टमाटर से मिलेगी अच्‍छी पैदावार. (सांकेतिक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 24, 2024,
  • Updated Sep 24, 2024, 1:03 PM IST

देश-दुनिया में सबसे ज्‍यादा खाई जाने वाली सब्जियों में शामिल टमाटर खेती के लिहाज से एक लाभदायक फसल है. टमाटर की बुआई के लिए अक्‍टूबर महीना उपयुक्‍त है. टमाटर की खेती विभिन्‍न प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन रेतीली दोमट, चिकनी मिट्टी, लाल और काली मिट्टी इसके लिए ज्‍यादा सही मानी जाती है. इसके साथ ही जल निकासी की व्‍यवस्‍था बेहद जरूरी है. ऐसे में टमाटर और शिमला मिर्च की ज्‍यादा उपज वाली किस्‍में लगाकर अच्‍छा मुनाफा कमाया जा सकता है. टमाटर की ज्‍यादातर फसलें 40 दिन से लेकर चार महीनें में तैयार हो जाती है. जानिए अच्‍छी पैदावार देने वाली किस्‍मों के बारे में…

टमाटर की किस्‍में

अर्का रक्षक: अर्का रक्षक टमाटर की उच्च पैदावार वाली हाइब्रिड वैरायटी है. इस किस्‍म के टमाटर पत्ती मोड़क विषाणु,,जीवाणु, झुलसा और अगेती धब्बे जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम हैं. इसकी फसल 140 दिनों  में तैयार हो जाती है. इस किस्‍म का टमाटर का उपयोग फूड प्रोसेसिंग उत्‍पादों को बनाने के लिए किया जाता है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 75 से 80 टन उपज देने में सक्षम है. ये टमाटर आकार में थोड़े चोकोर और गोल होते है. एक टमाटर का वजन 75 से 100 ग्राम होता है और रंग गहरे लाल होता है. यह खरीफ, रबी दोनों सीजन में उगाने के लिहाज से उपयुक्‍त है.

1200 से 1400 क्विंटल उत्‍पादन

नामधारी-4266: नामधारी-4266 किस्‍म का टमाटर उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है. नामधारी-4266 कम लागत में ज्‍यादा पैदावार देने वाली वैरायटी है. आमतौर पर टमाटर की अन्य हाइब्रिड किस्मों से प्रति हेक्टेयर 700 से 900 क्विंटल उपज मिलती है. वहीं, नामधारी-4266 प्रति हेक्टेयर 1200 से 1400 क्विंटल तक उपज देने में सक्षम है.

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इस किस्‍म को सितंबर और अक्टूबर माह में लगाया जाता है, जिसमें दिसंबर से फरवरी के बीच उपज मिलने लगती है. बता दें कि इस टमाटर की नर्सरी लगभग एक महीने में तैयारी होती है. यह कई रोगों और कीटो के प्रति प्रतिरोधी है. इसकी फसल 45 से 50 दिन में तैयार हो जाती है. जहां एक सामान्‍य किस्‍म के टमाटर का वजन 50 से 80 ग्राम होता है. वहीं नामधारी-4266 टमाटर 100 से 150 ग्राम वजनी होता है. 

टमाटर के साथ उगाएं श‍िमला मिर्च

वहीं, टमाटर के साथ-साथ श‍िमला मिर्च की भी खेती की जा सकती है. देश में शिमला मि‍र्च की भी काफी डिमांड बढ़ रही है. वहीं, रोपाई के बाद शिमला मिर्च की फसल किस्‍मों के आधार पर 60 से 90 दिनों में उपज देने लगती है. पांच प्रकार- हरी, पीली और लाल, नारंगी और काली शिमला मिर्च होती है.

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