भारत में अब खाने के पोषण को लेकर लोग जागरूक हो रहे हैं. लाखों लोग अब हरी सब्जियों और सीजनल सब्जियों को अपनी डाइट का हिस्सा बना रहे हैं. कई सब्जियों ऐसी होती हैं, जिन्हें ज्यादातर लोग कच्चा ही खा लेते हैं. वहीं कई लोग मानते हैं कि इन्हें पकाकर खाना चाहिए. इसलिए आज हम आपका ये कन्फ्यूजन दूर कर रहे हैं. इन सब्जियों को आप अपने घर पर गमले, क्यारी, बगीचे में ऑर्गनिक तरीके से भी उगा सकते हैं. ये सब्जियां उबालने पर किसी सुपरफूड की तरह काम करती हैं.
टमाटर को घर पर आसानी से गमले में भी उगाया जा सकता है. ऑर्गेनिक तरीके से उगाने पर आपको केमिकल फ्री खाने से निजात मिलेगी. वैसे तो लोग इसे कच्चा और सब्जियों के साथ पकाकर खाते हैं, लेकिन इसे उबालकर खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.
टमाटर उबालकर खाने के फायदे
बता दें कि टमाटर में लाइकोपीन नाम का एक एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है. यह एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा कम करता है. टमाटर को उबालने पर यह और फायदेमंद हो जाता है. वहीं, उबले हुए टमाटर में कैलोरी भी कम होती है ऐसे में वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए इसे उबालकर खाना बेस्ट है.
जब भी आयरन की कमी को दूर करने की बात आती है तो जुबान पर पालक का नाम सबसे पहले आता है. पालक को सितंबर-अक्टूबर में घर पर बड़े गमलों या क्यारी में उगाया सकता है. बुआई के 25 से 45 दिनों में यह काटने के लिए तैयारी भी हो जाती है. पालक कच्ची, सूप और सब्जी पकाकर खाई जाती है, लेकिन उबली पालक काफी गुणकारी होती है.
पालक उबालकर खाने के फायदे
पालक को उबालने पर इसमें मौजूद ऑक्सालेट लेवल बहुत घट जाता है, जिसका फायदा कैल्शियम और आयरन के अवशोषण के रूप में मिलता है. उबली पालक पाचन के लिहाज से भी अच्छी होती है. कैल्शियम और आयरन की कमी से जूझ रहे लोगों को पालक खाने की सलाह दी जाती है, जबकि एनीमिया के मरीजों के लिए यह रामबाण है.
इन दिनों लोग ब्रोकली को खाना भी खूब पसंद कर रहे हैं. यह सब्जी भी घर पर बड़े गमले अथवा गार्डन में उगाई जा सकती है. सितंबर-अक्टूबर का महीना इसकी बुआई के लिए उपयुक्त है. ज्यादातर लोग इसे उबालकर ही खाते हैं, जो कि सेहत के लिए काफी सही है. उबलने पर ब्रोकली नरम होती है, जो चबाने और पाचन के लिहाज से अच्छी होती है. ब्रोकली को उबालने से इसमें मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स रिलीज होने में आसानी होती है. साथ ही इसे बैलेंस करने में भी मदद मिल सकती है. वैज्ञानिक शोधों में इसे कैंसर विरोधी पाया गया है.
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