देश में अब गांवों का भी शहरीकरण हो रहा, जिसके चलते खेती योग्य भूमि तेजी से घट रही है. वहीं, ज्यादा उपज और फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए केमकिल फर्टिलाइजर्स का उपयोग भारी मात्रा में किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप मिट्टी की हेल्थ खराब हो रही है और इंसानों की सेहत पर भी इन केमिकल्स का बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में शहरों में अब टेरेस गार्डनिंग की तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है. लोग घर की बालकनी या छत पर सब्जी-पौधे उगा रहे हैं.
ऐसे में अगर आप शहर में रहते हैं और घर पर ही केमिकल फ्री सब्जी उगाना चाहते हैं तो इन्हें आसानी से गमले अथवा क्यारी में उगाया जा सकता है. घर पर सब्जियों की खेती के लिए आप रखी हुई बाल्टी अथवा बाजार से गमले लाकर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं. इन गमलों में मिट्टी, गोबर और खाद भरकर सब्जियों की बुआई कर सकते हैं. गमले में जलनिकासी की व्यवस्था बनाने के लिए तल में छेद कर दें, ताकि अधिक जल से पौधों को नुकसान न हो.
टमाटर: टमाटर को सितंबर और अक्टूबर में लगाया जाता है, जिसकी पैदावार दिसंबर और जनवरी में मिलने लगती है. आप जरूरत के अनुसार, बाजार से इसकी देसी या हाइब्रिड वैरायटी के बीज या पौधे लाकर बो सकते हैं. आमतौर पर टमाटर के एक पौधे से 15 से 20 टमाटर हासिल होते हैं, लेकिन कई किस्मों में यह संख्या ज्यादा हो सकती है.
ये भी पढ़ें - घर की छत पर बिना मिट्टी के करें खेती, छोटे-छोटे बैगों में ऐसे उगाएं सब्जियां
बैंगन: बैंगन एक ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती में ज्यादा मेहनत नहीं लगती. सर्दियों में इसकी खपत ज्यादा होती है. वहीं, इस समय इसके पौधे उगाने का उपयुक्त समय माना जाता है. ये बालुई दोमट मिट्टी सही रहती है. वहीं, इसमें कम पानी लगता है. इसके छोटे पौधे को सीधे धूप में नहीं रखना चाहिए.
पालक: सिंतबर महीने में कोई सब्जी उगाना है तो पालक एक बेहतर चुनाव है. इसमें 35-40 दिन में फसल मिल जाती है. इन्हें भी गमले या क्यारी में ऑर्गेनिक तरीके से उगाकर सेहतमंद सब्जी हासिल कर सकते हैं.
गाजर: गाजर उगाने के लिए कम से कम एक फीट गहरे और करीब 2 फीट व्यास के गमले का उपयोग करना चाहिए. सितंबर में इसकी बुआई की जाती है. इन्हें ज्यादा गहराई में न बोएं. गाजर के बीज अकुंरित होने के लिए करीब 14-21 दिन लेते हैं और इन्हें आंशिक से लेकर तेज धूप की जरूरत पड़ती है. 90 से 100 दिनों में गाजर की फसल तैयार हो जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today