प्याज की महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर बासमती चावल की तरह ही मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP-Minimum Export Price) तय कर दिया है. वो भी 800 डॉलर प्रति टन. यानी अब 66608 रुपये प्रति टन से कम कीमत पर अब प्याज का एक्सपोर्ट नहीं हो सकेगा. अगर किलो में बात करें तो 66.6 रुपये आएगा. इन दिनों देश की बड़ी मंडियों में लगभग इतना ही थोक दाम भी चल रहा है. सरकार ने 17 अगस्त को प्याज पर जो 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी उसे एमईपी लागू होने के बाद हटा दिया है. इसका मतलब यह है कि इतनी भारी भरकम एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के बावजूद कई देश भारत से प्याज का आयात कर रहे थे. इसकी तस्दीक बड़े व्यापारी भी कर रहे हैं. ऐसे में यह समझने वाली बात है कि आखिर प्याज पर अब 800 डॉलर का एमईपी लगने के बाद इसका एक्सपोर्ट कितना महंगा हो गया है? हम कितना एक्सपोर्ट कर रहे थे और क्या इस कोशिश से दाम कम हो जाएगा?
नासिक के बड़े प्याज कारोबारी मनोज जैन का कहना है कि प्याज पर एमईपी लागू होने से पहले 400 डॉलर प्रति टन के आसपास के दाम पर प्याज एक्सपोर्ट हो रहा था. इसमें 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी जोड़ने के बाद इसका दाम 560 डॉलर पड़ता था.अलग-अलग देशों में एक्सपोर्ट के भाव में थोड़ा अंतर था. इसलिए हम एक्सपोर्ट ड्यूटी जोड़कर 560 से 575 डॉलर प्रति टन के भाव पर एक्सपोर्ट कर रहे थे. लेकिन अब यह बढ़कर 800 डॉलर हो गया है. यानी प्रति टन एक्सपोर्ट प्राइस 225 डॉलर बढ़ गया है. इसका मतलब यह है कि एक टन पर 18734 रुपये की वृद्धि कर दी गई है. जिससे अब एक्सपोर्ट आसान नहीं रह जाएगा.
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दरअसल भारत प्याज का बड़ा एक्सपोर्टर है. ऐसे में एक्सपोर्ट कम और अधिक होने से दाम में उतार-चढ़ाव होता है. भारत प्याज की खेती का बादशाह है. संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने साल 2020 तक के रिकॉर्ड के आधार पर भारत को दुनिया का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश बताया है. विश्व के प्याज उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी 24.95 फीसदी है. यानी हम दुनिया का एक चौथाई प्याज पैदा करते हैं. हमारे यहां उगाए गए प्याज से कम से कम 75 देशों में खाने का तड़का लगाया जाता है. भारतीय प्याज के मुरीद देशों में इंग्लैंड, अमेरिका, स्पेन, कनाडा, सउदी अरब, इटली, इरान, फ्रांस, रोमानिया, लेबनान, सेनेगल, बेल्जियम, पोलैंड और ताईवान आदि देश शामिल हैं.
दुनिया भर में भारतीय प्याज की काफी मांग है. देश ने वर्ष 2022-23 के दौरान दुनिया भर में 25,23,495 मीट्रिक टन ताजा प्याज का निर्यात किया, जिसकी कीमत 4,523 करोड़ रुपये है. जो 2021-22 के मुकाबले 31.71 फीसदी अधिक है. साल 2021-22 में हमने 15,36,905 मीट्रिक टन प्याज का एक्सपोर्ट करके 3,431 करोड़ रुपये में कमाए थे. इसका मतलब यह है कि प्याज का एक्सपोर्ट पिछले एक साल में ही 1092 करोड़ रुपये बढ़ गया है.
भारतीय प्याज अपने तीखेपन के लिए प्रसिद्ध है और साल भर उपलब्ध रहता है. भारतीय प्याज के दो फसल चक्र होते हैं, पहली कटाई जो नवंबर से जनवरी तक शुरू होती है और दूसरी कटाई जनवरी से मई तक होती है. हालांकि, महाराष्ट्र में इसकी तीन फसल ली जाती है. भारत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा प्याज के प्रमुख उत्पादक सूबे हैं. भारत में इसकी खेती का बादशाह महाराष्ट्र है.
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