त्रिपुरा के लोग इस बार नहीं चख पाएंगे नींबू का स्वाद! मौसम की मार से चौपट हुई फसल

त्रिपुरा के लोग इस बार नहीं चख पाएंगे नींबू का स्वाद! मौसम की मार से चौपट हुई फसल

हवाईबारी में, कुछ परिवार अपनी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में केवल नींबू की खेती पर निर्भर हैं. इस क्षेत्र में उगाए जाने वाले नींबू न केवल राज्य के भीतर बल्कि इसकी सीमाओं के बाहर भी प्रसिद्ध हैं. दुर्भाग्य से इस वर्ष बारिश की कमी के कारण नींबू की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है.

नींबू की खेती कर रहे किसानों को हुआ नुकसान
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 07, 2024,
  • Updated May 07, 2024, 12:41 PM IST

बंगाल की भोजन ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां दूर-दूर से लोग खाने का स्वाद चखने आते हैं. यहां के खाने में नींबू का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है. जिस वजह से यहां नींबू की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन इस साल यहां मामला बिलकुल उल्टा दिखाई दे रहा है. इस साल, त्रिपुरा के खोवाई जिले के अंतर्गत तेलियामुरा शहर के हवाईबारी क्षेत्र में नींबू किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी के दौरान मानसूनी बारिश की कमी से फसल उत्पादन और लोगों की आजीविका दोनों पर असर पड़ा है. 

नींबू की खेती में आई गिरावट

हवाईबारी में, कुछ परिवार अपनी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में केवल नींबू की खेती पर निर्भर हैं. इस क्षेत्र में उगाए जाने वाले नींबू न केवल राज्य के भीतर बल्कि इसकी सीमाओं के बाहर भी प्रसिद्ध हैं. दुर्भाग्य से इस वर्ष बारिश की कमी के कारण नींबू की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. पिछले वर्षों की तुलना में इस साल फसल की खेती में उल्लेखनीय गिरावट आई है. नींबू किसान ने कहा कि तेलियामुरा हवाईयन नींबू की स्थानीय और राज्य के बाहर दोनों बाजारों में नींबू की भारी मांग है. परंपरागत रूप से, उनके पूर्वज नींबू की खेती के माध्यम से अपने परिवारों का भरण-पोषण करते थे, और आज, वे भी उसी प्रथा पर निर्भर हैं. ऐसे में नींबू की खेती में आई गिरावट से यहां के स्थानीय किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.

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बारिश की कमी के कारण गिरावट

हालांकि, इस साल बारिश की कमी के कारण नींबू का उत्पादन कम हो गया है. सामान्य वर्षों में, प्रचुर वर्षा अच्छी फसल सुनिश्चित करती है, जिससे किसानों को अपने नींबू लाभप्रद रूप से बेचने में मदद मिलती है. लेकिन इस साल स्थिति गंभीर है. थोक विक्रेताओं को बेचे जाने पर छोटे आकार के नींबू की कीमत काफी कम होती है, लगभग 4 रुपये प्रति नींबू. जिस वजह से, नींबू किसानों को पिछले वर्षों की तुलना में कम लाभ का अनुभव हो रहा है.

स्थानीय किसान सरकार से मांग रहे मदद

समुदाय में उनके दीर्घकालिक योगदान के बावजूद, हवाईबारी क्षेत्र में नींबू किसानों को सरकार के कृषि विभाग से कोई सहायता नहीं मिली है. ऐसे में किसानों का कहना है कि उन्हें नींबू की खेती के लिए उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य आवश्यक चीजों में सरकार के सहायता कि जरूरत है. उनका मानना है कि सरकारी सहायता से वे नींबू का उत्पादन बढ़ा सकते हैं और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं.

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