Chana Export: भारतीयों के लिए अधिक चना बुवाई करेंगे ऑस्ट्रेलिया के किसान, नवंबर से शुरू हो सकता है आयात 

Chana Export: भारतीयों के लिए अधिक चना बुवाई करेंगे ऑस्ट्रेलिया के किसान, नवंबर से शुरू हो सकता है आयात 

केंद्र ने चना पर 66 फीसदी आयात शुल्क हटाने का फैसला ऐसे समय लिया है जब ऑस्ट्रेलिया में बुआई चल रही है, इस निर्णय से वहां के किसानों को भारत में शिपमेंट के लिए चने के रकबे और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात उम्मीदों के चलते ऑस्ट्रेलिया में चना बुवाई का रकबा बढ़ सकता है और नवंबर में आयात शुरू हो जाएगा. 

एक महीने में भारत में चना की कीमत लगभग 7 फीसदी बढ़ी है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 07, 2024,
  • Updated May 07, 2024, 1:55 PM IST

केंद्र सरकार ने दालों की महंगाई को नीचे लाने के लिए चना के आयात शुल्क को हटा दिया है. जबकि, पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समयसीमा को अक्तूबर 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है. चना पर 66 फीसदी आयात शुल्क हटाने के के फैसले के एक दिन के भीतर चना की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 7-10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. केंद्र ने ऐसे समय में फैसला लिया है जब ऑस्ट्रेलिया में बुआई चल रही है, इस निर्णय से वहां के किसानों को भारत में शिपमेंट के लिए चने के रकबे और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित होने की उम्मीद जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि निर्यात उम्मीदों के चलते ऑस्ट्रेलिया में चना बुवाई का रकबा बढ़ सकता है और नवंबर में आयात शुरू हो जाएगा. 

ऑस्ट्रेलिया में चल रही चना की बुवाई 

ऑस्ट्रेलिया में चना की बुवाई मई के अंत तक चलेगी. रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के चना किसानों को निर्यात की संभावना को देखते हुए अधिक कीमत मिलने की उम्मीद है, जो उन्हें अधिक के लिए बुवाई प्रोत्साहित कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के एक प्रमुख आयातक ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई चना हमारी रबी की बुआई की अवधि के साथ नवंबर से भारत आना शुरू हो जाएगा. 

अगस्त के बाद तंजानिया और ऑस्ट्रेलिया से होगी खरीद 

दाल उद्योग के एक वर्ग का मानना है कि देसी चना पर आयात शुल्क हटाने से भारतीय किसान अगले सीजन में चना बोने से हतोत्साहित हो सकते हैं, जिससे आयात पर भारत की निर्भरता बढ़ सकती है. केंद्र सरकार का अनुमान है कि भारत का 2023-24 चना उत्पादन 12 मिलियन टन होगा. जबकि, इंडस्ट्री का अनुमान लगभग 8 मिलियन टन है. बता दें कि भारत को चना की जरूरत 9 मिलियन टन से अधिक की है. ऐसे में भारत अगस्त के बाद तंजानिया और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया से चना आयात शुरू कर सकता है. 

केंद्र के फैसले से वैश्विक कीमतों में उछाल 

केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार को देसी चना पर 66 फीसदी आयात शुल्क हटा दिया और पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को बढ़ा दिया है. इससे शनिवार को अंतरराष्ट्रीय कीमतें 720-750 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 800 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं. दाल मिलर्स ने कहा कि घरेलू बाजार में कमी और उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए चना और पीली मटर से जुड़े फैसले लिए गए हैं. कहा गया कि आयात होने चने की कीमत स्थानीय कीमतों से अधिक है. शुल्क मुक्त आयात के निर्णय से चना की कीमतों में किसी भी बढ़ोत्तरी को टालने में मदद मिलेगी. बता दें कि एक महीने में भारत में चना की कीमत लगभग 7 फीसदी बढ़ी है. 

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