बढ़ते तापमान के साथ ही सब्जियों की कीमतों का पारा भी चढ़ता जा रहा है. एक महीने में आलू का दाम 12 फीसदी उछल गया है, जबकि टमाटर और प्याज की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी जारी है. इसके साथ ही अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें एक महीने पहले 25 रुपये से बढ़कर 28 रुपये पर पहुंच गई हैं. सब्जियों की कीमतों में आई ये उछाल खाद्य महंगाई दर को ऊपर ले जाने के संकेत दे रही है.
अप्रैल की महंगाई दर के आंकड़े 13 मई को जारी होने वाले हैं. इससे पहले ही महंगाई दर में बढ़ोत्तरी की संभावना जता दी गई है. अप्रैल में सब्जियों की महंगाई दर दोहरे अंक में पहुंचने की उम्मीद है. क्योंकि आलू की कीमत एक महीने में 12 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है. जबकि एक वर्ष की तुलना में लगभग 37 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. बता दें कि महंगाई दर में सब्जियों का वेटेज लगभग 7.5 प्रतिशत है. खाद्य मुद्रास्फीति में उनकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से अधिक है.
सब्जियों की बढ़ रही कीमतों के पीछे प्रमुख कारण कीटों के साथ-साथ अनियमित मौसम के चलते उत्पादन में कमी को भी माना जा रहा है. मार्केट एनालिटिक फर्म क्रिसिल के अनुसार सब्जी की महंगाई खाद्य मुद्रास्फीति का सबसे अस्थिर हिस्सा बनी हुई है. उपभोक्ता मामलों के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के 4 मई तक के आंकड़ों से पता चला है कि अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें एक महीने पहले 25.27 रुपये प्रति किलोग्राम और एक साल पहले 20.60 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 28.2 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं.
आंकड़ों के अनुसार मासिक आधार पर प्याज और टमाटर की कीमतें कम हुई हैं, लेकिन सालाना आधार पर ये अभी भी काफी ऊंची हैं. प्याज की कीमतें 32.53 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 32.22 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं. लेकिन एक साल पहले बताई गई कीमत 22.37 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक थीं. इसी तरह टमाटर की कीमतें एक महीने पहले के 32.53 रुपये प्रति किलोग्राम से थोड़ी कम होकर 32.22 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, लेकिन एक साल पहले कीमत 23.46 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक थीं.
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सब्जियों की कीमतों में झटके अस्थिर हैं. बार-बार लगने वाले झटके खाद्य मुद्रास्फीति को लगातार ऊपर बना सकते हैं. इसलिए सर्दियों में स्टोरेज फेसेलिटी में सुधार, संकर मौसम प्रतिरोधी बीजों को बढ़ावा देने और फसल के बाद के नुकसान को कम करने जैसे उपायों को अपनाना अहम है. क्रिसिल के अनुसार आईएमडी को जून तक सामान्य से ऊपर तापमान रहने की उम्मीद है, जिससे अगले कुछ महीनों तक सब्जियों की कीमतें ऊंची रह सकती हैं.
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