खरीफ सीजन में 13 फसलों पर किसानों ने जताया भरोसा, बाजरा-कपास समेत इन 7 फसलों से बनाई दूरी 

खरीफ सीजन में 13 फसलों पर किसानों ने जताया भरोसा, बाजरा-कपास समेत इन 7 फसलों से बनाई दूरी 

खरीफ सीजन में धान, श्री अन्न, तिलहन और गन्ना की बुआई में जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया है. इस बार खरीफ फसल की बुआई 1104 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की गई है. अकेले धान की बुवाई 9 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में की गई है. 

धान, श्रीअन्न,  तिलहन और गन्ना समेत 13 फसलों की बुवाई रकबा सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है. धान, श्रीअन्न, तिलहन और गन्ना समेत 13 फसलों की बुवाई रकबा सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Sep 25, 2024,
  • Updated Sep 25, 2024, 3:38 PM IST

खरीफ सीजन में किसानों ने जमकर फसलों की बुवाई की है. धान, श्रीअन्न,  तिलहन और गन्ना समेत 13 फसलों की बुवाई रकबा सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है. इसके चलते खरीफ फसल का बुवाई क्षेत्रफल बढ़कर 1104 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पहुंच गया है. हालांकि, 7 ऐसी फसलें भी हैं जिनकी बुवाई को लेकर किसानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इन 7 फसलों में बाजरा, उड़द भी शामिल हैं और इनका रकबा बीते साल की तुलना में तेजी से घट गया है. 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई के ताजा आंकड़ों के अनुसार धान, श्री अन्न, तिलहन और गन्ना की बुआई में जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया है. इस बार खरीफ फसल की बुआई 1104 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की गई है. जबकि, बीते साल कुल फसलें 1088.26 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी. इस वर्ष 413 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 404 लाख हेक्टेयर की तुलना में बुवाई की गई थी. इस हिसाब से धान की बुवाई 9 लाख हेक्टेयर अधिक दर्ज की गई है. 

अरहर, मूंग और मोथ बीन दाल की खेती बढ़ी

इस वर्ष 128.58 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 119.28 लाख हेक्टेयर की तुलना में 9 लाख हेक्टेयर बढ़ गई है. दलहन फसलों में अरहर का रकबा करीब 6 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. मूंगदाल का बुवाई क्षेत्र 4 लाख हेक्टेयर से अधिक बढ़ा है. इसी तरह कुल्थी, मोथ बीन और अन्य दालों के रकबे में जबरदस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. 

ज्वार, रागी की खेती में किसानों ने दिखाई रुचि  

इस वर्ष 192.55 लाख हेक्टेयर में श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 186.07 लाख हेक्टेयर की तुलना में 6 लाख हेक्टेयर अधिक है. श्रीअन्न फसलों में ज्वार का रकबा करीब 2 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. इसी तरह रागी का रकबा भी 2 लाख हेक्टेयर के करीब बढ़ा है. छोटा बाजरा की किसानों ने खेती बढ़ाई है, जिससे रकबे में 27 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. 

मूंगफली, सूरजमुखी और गन्ना की जमकर बुवाई 

तिलहन की खेती इस वर्ष 193.32 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 190.92 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3 लाख हेक्टेयर अधिक है. तिलहन फसलों में मूंगफली का रकबा 4 लाख हेक्टेयर के करीब बढ़ा है तो सोयाबीन का बुवाई क्षेत्र भी 2 लाख हेक्टेयर में बढ़ गया है. सूरजमुखी की खेती के रकबे में भी इस साल बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही गन्ना की खेती इस वर्ष 57.68 लाख हेक्टेयर में की गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 57.11 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है. 

बाजरा समेत इन 7 फसलों से रूठे किसान 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दालों में उड़द, श्री अन्न फसलों में बाजरा, तिलहन फसलों में तिल, रामतिल, अरंडी की फसलों का रकबा इस बार घट गया है. जबकि, जूट और कपास के रकबे में भारी गिरावट दर्ज की गई है. कपास का रकबा करीब 11 लाख हेक्टेयर घटकर 112.76 लाख हेक्टेयर रह गया है. किसानों ने इस बार करीब 1 लाख हेक्टेयर में कम में जूट की खेती की है. इसी तरह उड़द दाल का रकबा 2 लाख हेक्टेयर गिरकर 30.73 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसी तरह बाजरा का रकबा 1 लाख हेक्टेयर से अधिक घटकर 69.91 लाख हेक्टेयर रह गया है. तिल की खेती 1 लाख हेक्टेयर से कम में की गई है, जबकि रामतिल का रकबा भी घटा है. अरंडी की खेती 1 लाख हेक्टेयर में कम की गई है. 

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