खाद्य सुरक्षा और पोषण में मिलेट का अहम योगदान, विशेषज्ञों ने बताया मोटे अनाजों का महत्व

खाद्य सुरक्षा और पोषण में मिलेट का अहम योगदान, विशेषज्ञों ने बताया मोटे अनाजों का महत्व

मोटे अनाजों पर रिलायंस फाउंडेशन ने दिल्ली में आयोजित किया सम्मेलन. फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ कुमार ने कहा, “यह दशक वैश्विक खाद्य प्रणाली और मिलेट के लिए परिवर्तनकारी रहा है. हम देख रहे हैं कि मोटे अनाजों की मांग में बदलाव हो रहा है और भारत ने आगे बढ़कर इस बदलाव का नेतृत्व किया है. 

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क‍िसान तक
  • Delhi,
  • Dec 20, 2023,
  • Updated Dec 20, 2023, 12:50 PM IST

रिलायंस फाउंडेशन ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ को लेकर नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया. इस अवसर पर मिलेट से संबंधित नीतियों, समस्याओं और इसे बढ़ाने के उपायों परबातचीत की गई. सम्मेलन में किसानों के साथ सरकार से जुड़े अधिकारियों और बाजार विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. सभी हितधारक इस बात पर सहमत दिखे कि खाद्य सुरक्षा, कृषि आजीविका और पोषण में विविधता की चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलेट का अहम योगदान है. नीति निर्माताओं, किसान प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं और उद्योग प्रतिनिधियों ने लोगों की थाली तक मिलेट पहुंचाने पर जोर दिया.

सम्मेलन में किसान-केंद्रित प्रयासों को बढ़ाने और भारत की मिलेट नीति की सफलताओं और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया. सम्मेलन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर ने कहा, “रिलायंस फाउंडेशन को किसानों के साथ काम करते हुए देखकर खुशी होती है. यदि मिलेट को सफल बनाना है तो सभी को साथ आना होगा. किसानों की आय बढ़ाने के लिए ब्रांडिंग और इसकी निर्यात क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है.

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बदलाव का नेतृत्व कर रहा भारत

रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ कुमार ने कहा, “यह दशक वैश्विक खाद्य प्रणाली और मिलेट के लिए परिवर्तनकारी रहा है. हम देख रहे हैं कि मोटे अनाजों की मांग में बदलाव हो रहा है और भारत ने आगे बढ़कर इस बदलाव का नेतृत्व किया है. यह मध्यम से छोटे और सीमांत किसानों के लिए बेहतर आजीविका सुनिश्चित करेगा. साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को संतुलित करने में भी मदद करेगा. रिलायंस फाउंडेशन में, हम मिलेट के साथ भोजन और कृषि प्रणालियों में विविधता लाने के लिए गहराई से काम कर रहे हैं.

मिलेट को लेकर दस्तावेज तैयार

इस अवसर पर, 'फोस्टरिंग रेजिलिएंस फॉर सस्टेनेबिलिटी: रिलायंस फाउंडेशन्स मिलेट एक्सपीरियंस' का प्रकाशन किया गया. जिसमें विभिन्न राज्यों में मिलेट से उपजे अनुभवों और जानकारियों का दस्तावेजीकरण किया गया है. इसमें किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज सुलभ बनाना, निरंतर तकनीकी सहायता प्रदान करना, महिला एजेंसियों को सशक्त बनाना और मिलेट के बारे में जागरूकता पैदा करना शामिल है.

मिलेट ईयर के बारे में जानिए

साल 2018 में देश ने 'राष्ट्रीय मिलेट वर्ष' मनाया था. इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष' यानी इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYOM) का प्रस्ताव पेश किया था. मार्च 2021 में संयुक्त राष्ट्र के 75वें महासभा सत्र में, मिलेट खाने और उगाने के लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYOM) घोषित किया गया.

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