खीरे की फसल को वायरस से कैसे बचाएं, इसकी रोकथाम के लिए क्या करें किसान?

खीरे की फसल को वायरस से कैसे बचाएं, इसकी रोकथाम के लिए क्या करें किसान?

खीरे का सेवन करने से पेट संबंधी रोग, दर्द और कई अन्य बीमारियों से राहत मिल सकती है. खाने के अलावा इसका उपयोग कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट बनाने में भी किया जाता है. खीरे की फसल तीन महीने में पैदावार देने के लिए तैयार हो जाती है और इसकी खेती किसी भी भूमि में की जा सकती है, जिससे किसानों के लिए खीरे की खेती करना बहुत आसान हो जाता है.

खीरे में वायरस का खतरा!खीरे में वायरस का खतरा!
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Feb 02, 2024,
  • Updated Feb 02, 2024, 11:39 AM IST

खीरे की खेती सब्जी के रूप में की जाती है. सभी सब्जियों में खीरे का महत्वपूर्ण स्थान है. इसका प्रयोग अधिकतर भोजन में सलाद के रूप में किया जाता है. खीरे में सबसे ज्यादा मात्रा में पानी पाया जाता है. गर्मी के मौसम में खीरे का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. खीरे का सेवन करने से पेट संबंधी रोग, दर्द और कई अन्य बीमारियों से राहत मिल सकती है. खाने के अलावा इसका उपयोग कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट बनाने में भी किया जाता है. खीरे की फसल तीन महीने में पैदावार देने के लिए तैयार हो जाती है और इसकी खेती किसी भी भूमि में की जा सकती है, जिससे किसानों के लिए खीरे की खेती करना बहुत आसान हो जाता है. लेकिन वहीं अगर खीरे की फसल पर वायरस का खतरा मंडराने लगे तो यह फसल को बर्बाद कर सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसको बचाने और रोकथाम का तरीका. 

खीरा मोजैक वायरस 

इस रोग का फैलाव, रोगी बीज के प्रयोग और कीट द्वारा होता है. इससे पौधों की नई पत्तियों में छोटे, हल्के पीले धब्बों का विकास पत्तों के ऊपर से शुरू होता है. जिस वजह से पत्तियों में मोटलिंग, सिकुड़न शुरू हो जाती है. इस वायरस की वजह से पौधे विकृत और छोटे रह जाते है. हल्के, पीले चित्तीदार लक्षण फलों पर भी दिखाई देने लगते हैं. 

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कैसे करें रोकथाम?

इसकी रोकथाम के लिए विषाणु-मुक्त बीज का उपयोग किया जाना चाहिए. साथ ही इस वायरस से बचने के लिए रोगी पौधों को खेत से निकालकर नष्ट कर देना चाहिए. कीट के नियंत्रण के लिए डाई मेथोएट (0.05 प्रतिशत) रासायनिक दवा का छिड़काव 10 दिन के अनतराल पर करते रहना चाहिए ताकि खेतों में इस वायरस के फैलने को रोका जा सके. साथ ही अगर फसल में फल लगने लगे तो उसके बाद रासायनिक दवा का प्रयोग करना बंद कर दें. 

खीरे की खेती में जैविक खाद 

खीरे की फसल को लगाने से पहले खेत तैयार करने के लिए उसकी गहरी जुताई की जाती है. इससे खेत में मौजूद पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं. इसके बाद खेतों को कुछ समय के लिए खुला छोड़ दिया जाता है. बीज बोने से पहले खेत में जैविक खाद के रूप में पुरानी गोबर की खाद डाली जाती है और रोटावेटर से जुताई करके खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिला दिया जाता है. 

रासायनिक खाद का इस्तेमाल

उर्वरक को मिट्टी में मिलाने के बाद खेत में पानी लगा दिया जाता है. इसके बाद जब खेत की मिट्टी सूखी दिखाई दे तो उसे एक बार फिर से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें. खीरे के बीज मेड़ों पर लगाए जाते हैं. इसलिए खेत में मेड़ तैयार करें और मेड़ के बीच में एनपीके लगाएं. उचित मात्रा में छिड़काव किया जाता है. इसके अलावा खेत में पौधे लगाने के 30 दिन बाद एक एकड़ खेत में 20 किलो नाइट्रोजन का छिड़काव करें और 40 दिन बाद दोबारा 20 किलो नाइट्रोजन का छिड़काव करें, इससे अच्छी पैदावार मिलती है.

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