अमरूद एक ऐसा फल है, जो पूरे साल मार्केट में मिलता है. इसमें कई सारे विटामिन्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसका नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है. ऐसे लोगों का लगता है कि अमरूद का रंग सिर्फ पीला और हरा ही होता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. अमरूद काले रंग का भी होता है. इसमें हरे अमरूद के मुकाबले अधिक विटामिन पाए जाते हैं. अगर किसान काले अमरूद की खेती करते हैं, तो बंपर कमाई कर सकते हैं.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने काले अमरूद की किस्म को इजाद किया है. बिहार, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में तो किसानों ने काले अमरूद की खती भी शुरू कर दी है. ऐसे भी भारत की जलवायु काले अमरूद की खेती के लिए उपयोगी है. आने वाले वर्षों में हरे और पीले अरूद की तरह काले अमरूद की भी मार्केट में डिमांड होगी. ऐसे में खेती करने पर किसानों को अच्छा रेट भी मिलेगा, क्योंकि इसमें पीले और हरे अमरूद के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं.
ऐसे काले अमरूद के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. हालांकि, सामान्य मिट्टी में भी किसान इसकी फार्मिंग कर सकते हैं. सर्दी का मौसम इसकी बागवानी शुरू करने के लिए ठीक होता है. ऐसे में किसान भाई दिसंबर से लेकर जनवरी तक काले अमरूद के पौधों की रोपाई कर सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसान काले अमरूद को सही समय पर उचित मात्रा में खाद- पानी देते हैं, तो पौधों का ग्रोथ तेजी से होगा. अगर कीट बागान में हमला करते हैं, तो कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए. वहीं, अमरुद के पकते ही तुड़ाई शुरू कर देनी चाहिए.
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काले अमरूद की पत्तियां का रंग काला नहीं होता है. काले अमरूद के फल का वजन लगभग 100 ग्राम तक हो सकता है. यह देखने में बिल्कुल काला लगता है. ऐसे ठंडे प्रदेश में इसकी खेती करने पर बंपर पैदावार हो सकती है. अगर किसान एक हेक्टेयर में काले अरूद की खेती करते हैं, तो साल में लाखों रुपये की कमाई कर सकते है. खास बात यह है कि काले अमरूद की खेती करने पर लागत भी पीले और हरे अमरूद की तरह आती है.
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