कमाई का भंडार है भूमि आंवला की खेती, ये 5 किस्में देती हैं अच्‍छी पैदावार

कमाई का भंडार है भूमि आंवला की खेती, ये 5 किस्में देती हैं अच्‍छी पैदावार

भारत में बड़े पैमाने पर आंवला की खेती की जाती है. आंवला व्यवसाय की दृष्टि से एक अच्‍छी बागवानी फसल है. बाजार में आंवला के कई उत्‍पाद मौजूद हैं, ज‍िनकी मांग बनी रहती है. स्वास्‍थ्‍य के लिहाज से लोग इसे खाना पसंद करते हैं. अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो इन किस्‍माें के बारे में जान लीजिए.

Gooseberry FarmingGooseberry Farming
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 26, 2024,
  • Updated Aug 26, 2024, 1:46 PM IST

विटाम‍िन-सी की कमी दूर करने के लिए मशहूर आंवला एक प्राचीन फल है. इसका जिक्र कुछ धार्मिक ग्रंथों और प्राचीन चिकित्‍सा पुस्‍तकों जैसे- सुश्रुत संहि‍ता, चरक संह‍िता आदि में मिलता है. आयुर्वेद में आंवला को कई औषधीय गुणों से युक्‍त फल बताया गया है. वहीं, यह औषध‍ि के साथ-साथ स्‍वाद के लिए भी जाना जाता है. आंवले के खट्टे-मीठे अचार, मुरब्बा और कैंडी को लोग बहुत ही आनंद के साथ खाते हैं.

व्‍यवसाय के लिए फायदेमंद है आंवला की खेती

भारत के कुछ हिस्‍सों में तो इसकी लौंजी भी बनाकर खाना लोग पसंद करते हैं. भारत में कई जगहों पर व्‍यावसायिक लिहाज से बड़े पैमाने पर इसकी खेती होती है. सर्द‍ी के सीजन में इसकी उपज होती है और बाजार में अच्‍छी मांग रहती है. आंवले की प्रमुख किस्‍में चकैय्या (चकइया), फ्रांसि‍स, बनारसी, कंचन, कृष्‍णा, भवानीसागर, नरेंद्र आंवला 6,7 10 हैं. इनमें से पांच किस्‍मों के बारे में जानिए.

1. चकैय्या (चकइया)

चकैय्या किस्‍म का आंवला सामान्‍य आंवला से थोड़ा छोटा और चपटा होता है. साथ ही इसका डंठल भी छोटा होता है और वजन 30 से 35 ग्राम होता है. यह एक पछेती किस्‍म है. इसका गूदा कठोर और रेशेदार होता है, जिसके चलते ज्‍यादा समय तक भंडारण के लिहाज से काफी अच्‍छा होता है. मुरब्बे और कैंडी के लिए यह उपयुक्‍त नहीं है.  

2. नरेंद्र 7 

नरेंद्र 7, फ्रांसि‍स (हाथी झूल) किस्‍म के बीजू पौधों से चुनी गई वैरायटी है. इसमें ऊतक क्षय रोग नहीं लगता है. इस किस्‍म की सबसे खास बात यह है कि इसके पौधे में 2 साल में ही फल आने लगते हैं. इसकी खेती शुष्‍क क्षेत्र में की जाती है और व्‍यवसाय‍िक लिहाज से यह बहुत ही बढ़‍िया किस्‍म है. इसके फल भी आकार में बड़े और वजन में 40 से 50 ग्राम वजन के होते हैं. फलों का रंग हल्‍का पीला होता है. क्‍वाल‍िटी के मामले में भी यह काफी अच्‍छी वैरायटी है. इसकी बागवानी कर अच्‍छा मुनाफा कमाया जा सकता है. 

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3. कंचन 

यह किस्‍म चकैय्या किस्‍म से चुनी गई है. इस पछेती वैरायटी में मादा फूलों की संख्‍या ज्यादा होती है. इस कारण से यह अधि‍क उपज देती है. इसके फल का गूदा रेशेदार होता है इसलिए अचार और अन्‍य उत्‍पाद बनाने के लिए सही होता है. इसके फल हल्‍के पीले और थोड़े गोल होते हैं. ज्‍यादा उत्‍पादन वाली फसल मुनाफे के लिहाज से अच्छी है.

4. बनारसी

बनारसी किस्‍म के आंवला फल में कम रेशे होते हैं और गूदा मुलायम होता है. साथ ही यह थोड़ा बड़ा भी होता है. इसका वजन 40 से 50 ग्राम तक होता है. यह अचार और मुरब्बे के लिए काफी अच्‍छा होता है. हालांकि, मादा फूलों की संख्‍या के कारण इसमें फल उत्‍पादन कम होता है. इसका ज्‍यादा समय के कारण भंडारण भी नहीं किया जा सकता है. 

5. कृष्‍णा

कृष्‍णा आंवला, बनारसी किस्‍म से चुनी गई एक अगेती किस्‍म है. इसका फल आकार में बड़ा होता है, जिसका वजन 40 से 50 ग्राम तक होता है. यह दि‍खने में आकर्षक, गोल और ऊपर से चपटा होता है. इस पर लाल धब्‍बे भी होते हैं. इसके फल के गूदे में रेशे नहीं होते हैं. यही कारण है कि इससे बनाए गए उत्‍पाद लंबे समय तक चलते हैं. वहीं, इसमें फूलों की संख्‍या ज्‍यादा होती है, जिसके कारण इसमें अध‍िक फल लगते हैं. 

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