निर्यात पर बैन के बीच जान लें चावल की खेती में कितना लगता है पानी, ये हैं इससे जुड़े 5 बड़े फैक्ट्स

निर्यात पर बैन के बीच जान लें चावल की खेती में कितना लगता है पानी, ये हैं इससे जुड़े 5 बड़े फैक्ट्स

मान्यताओं के मुताबिक चावल की खेती सबसे पहले चीन में आज से लगभग 8,000 ईसा पूर्व मध्य में शुरू की गई थी. उसके बाद चावल की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारत और एशिया के अन्य हिस्सों में धान की खेती शुरू हुई. दुनिया भर में चावल की हजारों किस्में हैं, जिनमें से प्रत्येक किस्म के आकार, रंग, बनावट और स्वाद एक दूसरे से अलग हैं.

चावल की खेती से जुड़ी कुछ जरूरी बातें!चावल की खेती से जुड़ी कुछ जरूरी बातें!
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Sep 20, 2023,
  • Updated Sep 20, 2023, 6:57 PM IST

सरकार ने चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. पहले गैर-बासमती और हाल ही में बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है. इसमें सबसे जरूरी बात ये है कि सरकार ने 20 फीसदी निर्यात शुल्क के साथ उबले चावल के निर्यात को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा 1200 डॉलर प्रति टन से अधिक कीमत वाले बासमती चावल के निर्यात की अनुमति है. इतना ही नहीं चावल की खेती में पानी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. ऐसे में घटते जलस्तर के बीच धान की खेती न सिर्फ किसानों बल्कि सरकार के लिए भी चिंता का विषय बनती जा रही है.

यही कारण है कि पंजाब में धान की खेती का समय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है. यदि सभी किसान एक साथ धान की खेती करने लगे तो पंजाब में गंभीर जल संकट पैदा हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं चावल कि खेती से जुड़े कुछ फैक्ट्स.

चावल की खेती में कितना लगता है पानी?

मान्यताओं के मुताबिक चावल की खेती सबसे पहले चीन में आज से लगभग 8,000 ईसा पूर्व मध्य में शुरू की गई थी. उसके बाद चावल की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारत और एशिया के अन्य हिस्सों में धान की खेती शुरू हुई. दुनिया भर में चावल की हजारों किस्में हैं, जिनमें से प्रत्येक किस्म के आकार, रंग, बनावट और स्वाद एक दूसरे से अलग हैं. इतना ही नहीं इसकी खेती करने का तरीका भी अलग-अलग है. धान सबसे अधिक पानी की खपत वाली फसलों में से एक है, आमतौर पर प्रति किलोग्राम फसल के लिए 3,000 से 5,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है. गेहूं उगाने के लिए आवश्यक पानी की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक पानी की जरूरत धान की खेती में होती है. 

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चावल से जुड़े 5 बड़े फैक्ट्स

  • दुनिया भर में चावल की हजारों किस्में हैं जिनकी खेती हर साल देश भर में की जाती है. उनमें से कुछ इंडिका, एरोमेटिक, जपोनिका, ग्लूटीनस के नाम से फेमस हैं.
  • चावल की खपत पर नजर डालें तो कई एशियाई देशों में चावल की खपत प्रति व्यक्ति हर साल लगभग 100 किलोग्राम से अधिक है.
  • चावल की खेती सबसे अधिक चीन, भारत, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और वियतनाम में की जाती है. ये भी सच है कि इन देशों में चावल की खपत भी सबसे अधिक है.
  • आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में पांच में से एक व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए धान की खेती पर निर्भर है.
  • प्रति किलो धान की फसल के लिए 3,000-5,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है.
अलग-अलग देशों से चावल का निर्यात

टॉप 5 चावल निर्यातक देश

  • भारत- 2021-23 में भारत से 20,000 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया.
  • थाइलैंड- 2021-23 में लगभग 8,000 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया.
  • वियतनाम- 2021-23 में लगभग 7,500 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया.
  • पाकिस्तान- 2021-23 में करीब 3500 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया.
  • अमेरिका- 2021-23 में करीब 2500 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया.

भारत का निर्यात प्रतिबंध न केवल घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बल्कि बढ़ते अल नीनो मौसम पैटर्न के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप में भी लगाया गया था, जो सूखे का कारण बन सकता है. इतना ही नहीं इसका असर पैदावार पर भी देखने को मिल सकता है. इससे बचने और खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया.

 

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