पंजाब में धान खरीद को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने शनिवार को खन्ना में एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी का दौरा किया और 1 अक्टूबर से अपनी उपज लेकर आने वाले किसानों के लिए की गई व्यावस्थाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खरीद कार्यों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. एसएसपी अश्विनी गोटियाल, एसडीएम डॉ बलजिंदर सिंह ढिल्लों और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और खरीद एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भी डीसी के साथ था.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जोरवाल ने कहा कि इस साल जिले के सभी 146 खरीद केंद्रों पर 18 लाख मीट्रिक टन धान आने की उम्मीद है और हर एक दाने की खरीद के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है. उन्होंने किसानों की सुविधा पर ध्यान केंद्रित करते हुए सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद संचालन सुनिश्चित करने की अपनी "प्रतिबद्धता" दोहराई. जोरवाल ने कहा कि अधिकारियों द्वारा पीने योग्य पानी, सफाई, प्रकाश, छाया, तिरपाल आदि की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है.
ये भी पढ़ें- पंजाब के गोदामों में नई उपज को रखने के लिए नहीं है जगह, चावल मिलर्स ने FCI के सामने उठाया मुद्दा
साथ ही किसानों को उठान और भुगतान पर जोर देते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए. सभी भुगतान खरीद के 48 घंटे के भीतर किए जाएंगे. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंडियों में बारदाना की कोई कमी नहीं है, जिससे किसानों को परेशानी से मुक्ति मिलेगी. डीसी ने इस अवसर पर मौजूद कुछ किसानों से बातचीत भी की और किए गए प्रबंधों के बारे में उनकी प्रतिक्रिया ली. इस दौरान डीसी, एसएसपी और अन्य अधिकारियों ने आढ़तियों के साथ बैठक की और उन्हें उनकी सभी समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि पंजाब के गादामों में नई उपज को रखने के लिए जगह तक नहीं है. ऐसे में चावल मिलर्स ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास चावल पहुंचाने के लिए जगह की कमी का मुद्दा फिर से उठाया है. अनुमान के मुताबिक, पंजाब की मंडियों में करीब 190 लाख टन (एलएमटी) धान आएगा. इससे 125 लाख टन चावल का उत्पादन होगा. जबकि, एफसीआई के गादामों में पहले से ही चावल, गेहूं सहित अन्य फसलों का स्टॉक भरा पड़ा है. इसलिए चावल मिलर्स की भी चिताएं बढ़ती जा रही हैं.
ये भी पढ़ें- भिंडी और लोबिया की बुवाई का ये सही समय, ज्यादा उपज के लिए किसान इन 3 उन्नत वैरायटी का करें चयन