राजस्थान सरकार की ओर से खरीफ सीजन की उपज ना खरीदने के विरोध में किसानों ने अजमेर से मंगलवार को ट्रैक्टरों से जयपुर तक कूच शुरू किया. किसानों की मांग है कि दलहन और तिलहन की सौ फीसदी खरीद की जाए. हालांकि आज 25 अक्टूबर को 28 अक्टूबर तक पंजीयन करने और एक नवंबर से खरीद शुरू करने की जानकारी आने के बाद यह कूच स्थगित कर दिया गया. कूच का नेतृत्व कर रहे किसान महापंचायत के रामपाल जाट ने किसान तक को बताया कि कटसूरा से जयपुर तक ट्रैक्टर कूच में 70 ट्रैक्टरों ने भागीदारी की थी.
यह कूच जयपुर तक आना था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से एक नवंबर से खरीद शुरू करने की बात सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया.
किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि भले ही सरकार ने अब दवाब में सरकारी खरीद शुरू करने की घोषणा कर दी है, लेकिन अगर किसानों से पूरी उपज नहीं खरीदी गई तो वे फिर से आंदोलन करेंगे. दलहन और तिलहन की खरीद सौ प्रतिशत करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा. इसी के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रीमियम चुकाने वाले किसानों को क्लेम दिलाने के लिए रणनीतिक कदम उठाए जाएंगे.
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इसमें सबसे पहले राजस्थान के कृषि आयुक्त से मिलकर किसानों के इस दर्द से अवगत कराया जाएगा. जाट आरोप लगाते हैं कि इस कार्यक्रम के लिए उपखंड अधिकारी, जिला कलेक्टर एवं संभागीय आयुक्त तक किसानों ने आवेदन किया तथा इन सभी अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी किसान आए, लेकिन अजमेर जिले के प्रशासन के निष्क्रिय होने के कारण किसानों के लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई.
किसान महापंचायत के नेतृत्व में हो रहे इस ट्रैक्टर कूच के स्थगित होने के बाद किसानों ने एक बैठक की. इसमें किसानों ने नई कार्यकारिणी का गठन किया. कार्यकारिणी में अजमेर जिले के लिए संरक्षक एवं संयोजक रतनलाल जिला अध्यक्ष, प्रहलाद जाट को जिला महामंत्री, रामेश्वर घासल औराई तहसील के अध्यक्ष के लिए, सुगनाराम खोखर उपाध्यक्ष रामकिशन बटेसर को सर्वसम्मति से चुना गया.
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बता दें कि अब तक अजमेर जिले के अध्यक्ष बालूराम भीचर थे, लेकिन उनका गांव नए बने जिले केकड़ी के अंतर्गत आ गया. इसीलिए अजमेर के लिए नया अध्यक्ष बनाना जरूरी थी.